दिल मानता नहीं

0 0
Read Time45 Second

न दिल लगता है
न मन लगता है।
सच कहे तो
दिल में मेरे अब
कोई तो बस्ता है।
जिसे में ढूँढ़ रहा हूँ
और हो सकता है।
वो भी मुझे तलाश
रहे हो इस भीड़ में।
कभी तो मुलाकात
उन से होगी ही।
पर तब तक तो
दिलो में तड़प बनी रहेगी।।

सफर जिंदगी का अब
अकेले कटता नहीं।
कोई साथी हमें
अभी तक मिला नहीं।
कैसे गुजाराते है दिन
तन्हा रहकर आजकल।
ये दिल भी तो अब
मुझे सभालता नहीं।
काश कोई तो होगा
जो मुझे समझ सके।
पर दिल और मन
ये बात अब समझता नहीं।।

जय जिनेंद्र देव
संजय जैन मुंबई

matruadmin

Next Post

स्वभाषा के बिना महाशक्ति कैसे बनेगा देश ?

Fri Feb 26 , 2021
आम तौर पर लोगों को पता नहीं होता कि संयुक्त राष्ट्र 21 फरवरी को विश्व-मातृभाषा दिवस क्यों मनाता है। दुनिया के लगभग सभी राष्ट्रों में इस दिन मातृभाषाओं के सम्मान से जुड़े आयोजन होते हैं, लेकिन इसका श्रेय हमारे पड़ोसी राष्ट्र बांग्लादेश को जाता है। बांग्लादेश 1971 के पहले तक […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।