कुछ उभरते प्रश्न

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चारो तरफ हाहाकार मचा हुआ है
हर तरफ मौत का ताड़व मचा हुआ है
मजबूर मजदूर क्यो पैदल निकला ये सरकारी तंत्र क्यो मौन हुआ है ?

देश में रेल बस सेवा होते हुए भी
क्यो पैदल सड़कों पर वह चलता हैं ?
देश में अनाज के भंडार भरे हुए है
फिर भी वह भूखा क्यो मरता है ?

पूछ रहा हूं ये सवाल देश के नेताओ से,
मासूम बच्चे पैदल क्यो चलते है ?
सड़कों पर वे क्यो भूखे मरते है ?
पैरों में न उनके जूते व चप्पल भी
फिर भी मजबूर होकर चलते हैं।।

सिर व कंधो पर समान लदा हुआ
आंखो में आंसू सीने में दर्द छिपा हुआ।
फिर भी निरंतर काफिला चल रहा
बतलाओ ये तंत्र क्यो मौन हुआ ?

जब मजदूर न होगा उद्योग कैसे चलाओगे,?
ये लम्बी चौड़ी सड़क फिर कैसे बनाओगे
जिन ए सी भवनों में रहते हो तुम
उनको फिर तुम उनसे कैसे चिनवाओगे

मजदूर मजबूर होकर क्यो निकल रहा
शहरों को वह अब खाली क्यो कर रहा।
क्यो नही आते ये प्रश्न तुम्हारे मस्तिष्क में,
ये जन जन अब तुमसे पूछ रहा।।

एक प्रश्न नहीं अनेक है जो पूछे जायेगे,
अगले चुनाव में तुम मुंह छिपाते पाओगे।
अगर हल नहीं कर पाए इन प्रश्नों को
अगला चुनाव तुम कैसे जीत पाओगे ?

अगर देश के हम हालात बताने लगेगे
सुनकर पत्थर भी आंसू बहाने लगेगे।
क्यो नही पिघला है दिल नेताओ का,
इसको समझाने में हमें जमाने लगेगे।।

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

matruadmin

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।