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मन की गति विचित्र
कोई ना मन का मित्र
मन है बड़ा चपल
इसे तो संभालिये।।
मन है सबका राजा
रहता है सदा ताजा
नही ये किसी के वश
इसे समझाइए।।
करे जो मन को वश
होता न वो परवश
पाता है विजय वही
इसे वश कीजिए।।
मन ही करता सब
वश में है हमसब
मन से बड़ा न कोई
मन को दबाइए।।
परिचय
नाम- डॉ एन के सेठी
वर्तमान पता-बाँदीकुई(दौसा)राजस्थान
राज्य-राजस्थान
शहर- बाँदीकुई
शिक्षा-एम ए(संस्कृत,हिंदी),एम फिल, पीएच डी,साहित्याचार्य
कार्यक्षेत्र-कॉलेज शिक्षा
विधा -काव्य
प्रकाशन-100 से अधिक कविताएं विभिन्न पत्र पत्रिकाओं व साझा काव्य संग्रहों में प्रकाशित,लगभग 15 से अधिक शोधपत्र विभिन्न राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित
ब्लॉग-
अन्य उपलब्धियाँ- लगभग 15 से अधिक व्याख्यात्मक पुस्तके प्रकाशित
लेखन का उद्देश्य-स्वान्तःसुखाय
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Fri May 3 , 2019
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