#नीरज त्यागीग़ाज़ियाबाद (उ. प्र)
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छोटी सी बिटिया ना जाने कब बड़ी हो गयी।
नन्हे नन्हे थे जिसके पाँव,पता नही कब खुद
अपने ही पैरों पर खड़ी हो गयी।।
खुशियो के माहौल से आज घर का हर कोना
महक रहा है।
बाबुल की बिटिया अपनी शादी की खुशी
में चहक रही है।।
दूर गाँव से सभी भाई बहन भी है आये।
बिटिया खुश रहे,दे सभी अपनी दुआए।।
बिटिया के ननिहाल से बहुत से लोग है आये।
आशीर्वाद के साथ बहुत से तोहफे भी है लाये।।
अपने दिल के टुकड़े की माँ आज करेगी विदाई।
भविष्य उज्ज्वल हो उसका माँ ने एक उम्मीद लगाई।।
एक शख्स जिसको पूरे जीवन भर बडा सख्त पाया।
बिटिया की विदाई के समय वो पिता भी रोता पाया।।
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