श्रद्धांजलि 

0 0
Read Time2 Minute, 40 Second
sohan
65 वर्षों की कटीली राहो पर सिद्धान्तों के साथ चल कर एक विचारधारा को जीवन प्रयत्न जिंदा रखने वाली शख्सियत का हमारे बीच से यूँ चले जाना निश्चित ही एक स्वर्णिम सैद्धान्तिक युग का अंत होने के समान ही है।
क्योंकि श्रद्धेय अटल जी किसी एक पार्टी या विचारधारा का नाम नहीं बल्कि राष्ट्र नव चेतना जन जागृति व राष्ट्रप्रेम का एक जीवंत उदाहरण था।
इसीलिए वह विभिन्न विचारधाराओं में भी एक सर्वमान्य नेता के रूप में सदैव स्वीकार्य थे। जिनका मकसद राज धर्म को सर्वोपरी मानते हुए ही आगे बढ़ना था।जो उनकी एक कविता में भी झलकता था की क्या खोया क्या पाया।जीवन की ढलने लगी सांझ
उमर घट गई
डगर कट गई
जीवन की ढलने लगी सांझ।
बदले हैं अर्थ
शब्द हुए व्यर्थ
शान्ति बिना खुशियाँ हैं बांझ।
सपनों में मीत
बिखरा संगीत
और यह एक शाश्नत सार्वभौमिक सत्य भी है की सत्तायें कभी शतायु नहीं हुई ये एक क्रमानुसार परिवर्तित होती रहती है| उसी प्रकार जिस तरह से मृत्यु भी एक अटल सत्य ही है। बस रह जाती है उसकी खट्टी मिठी यादें जिनकी समीक्षा उपरांत ही परितोषिक का निर्धारण भी होता है।
और उसी का सारांश होता है जीवन का सार की हमने देह त्याग कर क्या खोया क्या पाया।
युग पुरुष वाजपेयी जी को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि
#सोहन काग अजन्दा
परिचय:
नाम: सोहन काग 
पिता: स्व श्री मेघाजी काग
शिक्षा:  स्नातक
अनुभव:
1998 से आज तक दैनिक जागरण
वर्तमान
दैनिक-  संझा लोकस्वामी,
समाचार पत्र- दैनिक चैतन्य लोक
वेब चैनल- खबर हलचल न्यूज़
साप्ताहिक अपराधों की दुनिया
उपलब्धि:
साहसिक उपहार केंद्रीय विधि मंत्री व सिर्वी महासभा के राष्ट्रिय अध्यक्ष श्री पी पी चौधरी बिलाड़ा राजस्थान द्वारा सम्मानित|
धार (मध्यप्रदेश) 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

त्रिलोक सिंह ठकुरेला की कुण्डलियाँ

Thu Aug 30 , 2018
जिनकी कृपा कटाक्ष से ,प्रज्ञा , बुद्धि , विचार । शब्द,गीत,संगीत ,स्वर ,विद्या का अधिकार ।। विद्या का अधिकार ,ज्ञान ,विज्ञानं ,प्रेम -रस । हर्ष , मान ,सम्मान ,सम्पदा जग की सरबस । ‘ ठकुरेला ‘ समृद्धि , दया से मिलती इनकी । मंगल सभी सदैव , शारदा प्रिय हैं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।