कोरोना महामारी की दूसरी बार दस्तक होते ही सरकारों ने एक बार फिर स्वस्थ अमले पर चाबुक चलाना शुरू कर दिया है। पहले चरण की जी तोड मेहनत करने वाले धरातली कर्मचारियों पर कडाई बरतने का क्रम शुरू होते ही उनमें असंतोष की लहर दौडने लगी है। गांवों की गलियों […]

आज के बंगाल को देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि 19 वी सदी के आरंभ का पाकिस्तान व बांग्लादेश के यही समीकरण होंगे। उस समय भी अंग्रेजी सत्ता ने मुस्लिमो के अव्यवहारिक घुसपैठ को महत्व न देकर, नजरअंदाज किया। इस समय बंगाल भी उसी दौर से गुजर रहा […]

मध्यप्रदेश के सीहोर जिले की बुधनी तहसील मुख्यालय से 24 किमी दूर ग्राम जैत में एक मध्यमवर्गीय कृषक प्रेमसिंह चैहान के घर 5 मार्च 1959 को माता सुदंरबाई ने एक ओजस्वी बालक को जन्म दिया। जो बडा होकर शि‍वराज सिंह चैहान के नाम से सारे जगत में विख्यात हुआ। इसकी […]

छब्बीस जनवरी को फिर से मनाया जाएगा गणतन्त्र दिवस। ठीक वैसे ही जैसे पाँच महीने पहले मनाया गया था स्वाधीनता दिवस। ये दोनों हमारे जन्म से बहुत पहले से मनाए जा रहे हैं। शायद आप भी न जन्में हों या नन्हें-मुन्ने रहे हों। सच की दस्तक भी नहीं जन्मा था। […]

राजनीति एक ऐसा खेल है जिसमें सभी खेल खुले मंचों पर कभी भी नहीं होते यह एक अडिग सच है। गाँव की राजनीति से लेकर क्षेत्र की राजनीति तक एवं प्रदेश की राजनीति से लेकर देश की राजनीति तक। सभी खेल कभी भी खुले मंचों पर नहीं होते। क्योंकि राजनीति […]

राजनीति के क्षेत्र में संविधान के अंतर्गत यह सभी को अधिकार प्राप्त है कि कोई भी राजनेता कहीं से भी चुनाव लड़ सकता है। किसी भी राजनेता के लिए किसी भी प्रकार की विशेष अनुमति की आवश्यकता नहीं होती। क्योंकि चुनाव में जो आवश्यकता होती है वह है जनाधार की। […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।