धर्म शाश्वत् है .अजर अमर अविनाशी है .सृष्टि में जब तक मानव सभ्यता है धर्म भी रहेगा . धर्म क्या है ? जिसे हम धारण करते हैं वह धर्म है .अर्थात धर्म एक ऐसी जीवनशैली है जिसे हम अपने आचरण में स्वेच्छा से स्वीकारत है . मानव जीवन के लिए […]

भारतीय जनता पार्टी को उसके ही उस अस्त्र से शिकस्त देने का कांग्रेस ने तानाबाना बुना है जो कि अभी तक उसका मुख्य चुनावी अस्त्र रहा है। कांग्रेस ने 23 सितम्बर से 09 अक्टूबर तक राम वनगमन पथ-यात्रा निकालने का ऐलान किया है तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की […]

लेखिका ज्योति जैन ने स्त्री विमर्श के आधुनिक बोध और  समकालीन यथार्थ को सेतु संग्रह में बेहतर तरीके से लिखा है । और यही बात को लेखिका ने सेतु के माध्यम से समझाई भी है-साहित्य रचनेवाला किसी भी क्षेत्र या भाषा  का हो, उसका साहित्य उसके व् पाठकों के बीच सेतु का […]

हिंदी एक मात्र ऐसी भाषा है जिसे अन्य प्रांतीय लोग भी बड़ी सरलता से सहजता से बोलने व समझने का सामर्थ्य रखते हैं । हिंदी एक ऐसी भाषा जो सही अर्थों में जन जन को एक सूत्र में बांधकर रखकर माँ  स्वरूप अपनी अन्य भाषा बेटियों को एक साथ लेकर […]

हिन्दी तुम किनके भरोसे हो..!  साँच कहै ता- जयराम शुक्ल  दिलचस्प संयोग है कि हिन्दी पक्ष हर साल पितरपक्ष के साथ या आगे पीछे आता है। परंपरानुसार हम लगेहाथ हिन्दी के पुरखों को याद करके उनकी भी श्राद्ध और तर्पण कर लेते हैं। हाल ही हम माँरीशस के विश्व हिन्दी […]

माँ, मातृभूमि और मातृभाषा का कर्जदार राष्ट्र का प्रत्येक निवासी है, और इसी कारण ही राष्ट्रवासी अपने सेवा के भाव को जीवित रखते है।  हिंदी न केवल एक भाषा मात्र है बल्कि भारत की सांस्कृतिक अखंडता के परिचय का दूसरा नाम है। ‘एक राष्ट्र- एक राष्ट्रभाषा’ के सिद्धांत में ही भारत […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।