माँ, माटी और मातृभाषा की अनिवार्यता और यथोचित सम्मान की चाह होना हर भारतवंशी का कर्तव्य भी है और नैतिक जिम्मेदारी भी। राष्ट्र केवल लोग नहीं बल्कि वहाँ का समाज, संस्कृति, लोगों के अंदर की भावनाएं, वहाँ की भाषा, वहाँ की जिम्मेदार व्यवस्था मिल कर बनाते है। और राष्ट्र के […]

यह बहुत बड़ी विडंबना है कि हिन्दी को तोड़ने वालों में हिन्दी के अपने ही लोग हैं। भोजपुरी के कुछ समर्थकों का यह विचार है कि हिन्दी भाषा से अलग होने पर ही भोजपुरी भाषा और संस्कृति का विकास हो पाए गा। वास्तव में यह उनका भ्रम है। भाषाविज्ञान की […]

गुरु पूर्णिमा विशेष-16 जुलाई 2019   गुरू बिन भवनिधि तरहिं न कोई,जौं बिरंचि संकर सम होई भारतीय वांग्मय में गुरु को इस भौतिक संसार और परमात्म तत्व के बीच का सेतु कहा गया है। सनातन अवघारणा के अनुसार इस संसार में मनुष्य को जन्म भले ही माता पिता देते है […]

*देश की सुप्रसिद्ध कवयित्री गौरी मिश्रा की काव्य यात्रा का सफरनामा*           हमारे देश में नारी को देवी का रूप मानकर पूजा जाता है। लेकिन उसी देवी को घर की चारदीवारी में कैद कर रखा जाता है।  कुछ बेटियां जीवन संघर्ष में सफल होकर आगे बढ़ […]

उत्तर प्रदेश सरकार ने जिस तरह की कार्यशैली अपनाई है वह प्रशंसा के योग्य है। यदि यही कार्यशैली पहले की सरकारों ने ईमानदारी के साथ अपनाई होती तो आज ऐसी जटिल समस्या न आती। बड़ा से बड़ा भ्रष्टाचार राजनीति की क्षत्र-छाया में फलता फूतता रहा अधिकारी एवं राजनेताओं की मिली […]

जम्मू कश्मीर केवल यहाँ के प्राकृतिक सौन्दर्य के कारण ‘धरती का स्वर्ग’नहीं है अपितु विहिप की प्रबंध समिति का यह स्पष्ट अभिमत है कि यहाँ के तीर्थस्थल, तीर्थयात्राएँ, मंदिर एवं ऐतिहासिक स्थल समग्र रूप से मिलकर ही इस स्वर्ग को अलौकिक रूप प्रदान करते हैं। इन पावन स्थलों के बिना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।