खतों की बात पुरानी हो चली… वो भी क्या दिन थे जब खतों में दिल का हाल लिखा जाता था…कोरे कागज पर जज़्बात उकेरे जाते थे.. लफ़्जों में अहसास पिरोये जाते थे… पढ़ने वाला भी उसी शिद्दत से हर्फ़ दर हर्फ़ महसूस करता था…खत भेजने में भी वही शिद्दत होती […]

अफरा-तफरी का दौर शुरू हो गया, आवाजाही पर संदेह शुरू है, बैण्ड बाज़ा बारात भी तैयार है, हर तरफ चुनावी शौर है, वादों की बौछार है, कोई पिछले 70 सालों के हिसाब दे रहा है तो कोई पाँच सालों की खतौनी कर रहा हैं, कोई राज्य का विकास गिना रहा […]

होली बसंत ऋतु में मनाया जाने वाला रंगों का पावन पर्व है. फाल्गुन माह में मनाए जाने की वजह से इसे फागुनी भी कहा जाता है. देश भर में हर्षोल्लास के साथ यह पर्व मनाया जाता है. म़ुगल शासनकाल में भी होली को पूरे जोश के साथ मनाया जाता था. […]

लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद देवभूमि उत्तराखंड के देहरादून में हुई कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की सफल रैली से कांग्रेसियों में भारी उत्साह व्याप्त हो गया है। कांग्रेस का जहां मौसम ने साथ दिया , वहीं कांग्रेस का कुनबा भी राहुल गांधी की रैली में एकजुट दिखाई […]

राहुल हैं, तो राहत है–ये नारा फ़िरदौस ख़ान ने दिया है. शायरा, कहानीकार व पत्रकार फ़िरदौस ख़ान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर एक ग़ज़ल भी लिख चुकी हैं. फ़िरदौस ख़ान को लफ़्ज़ों के जज़ीरे की शहज़ादी के नाम से जाना जाता है. वे पत्रकार, शायरा और कहानीकार हैं. वे कई भाषाओं की जानकार […]

  काश! मैं होता सांसद यह प्रश्न बार-बार मेरे जेहन में कौंधकर रहा है कि मुझे अब सांसद बनने जनता की अदालत में जाना चाहिए। इसलिए की मेरे सांसद ने मुझे, क्षेत्र और मूल्क को धोखा देकर विकास व समृद्धि को रोका है। यहां तक कि झोली में आई सांसद […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।