लोकतंत्र का वास्तविक अर्थ विकेन्द्रीकृत व्यवस्था की स्थापना से जुडा है। सत्ता से लेकर विकास के मापदण्डों तक यही सिध्दान्त लागू होना चाहिए ताकि समाज के आखिरी छोर पर बैठे व्यक्ति तक सुविधायें और संसाधनों की सीधी पहुंच हो सकेगी। लगभग 138 करोड नागरिकों वाले देश में संवैधानिक व्यवस्थायें निरंतर […]