दक्षिण कोरिया की लेखिका हान कांग को वर्ष 2024 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार देने का ऐलान किया गया है। यह सम्मान उनके काव्यात्मक गद्य के लिए दिया गया है। उनकी किताबों में ‘द वेजिटेरियन’, ‘द व्हाइट बुक’, ‘ह्यूमन एक्ट्स’ और ‘ग्रीक लेसन्स’ शामिल हैं। नोबेल समिति ने बृहस्पतिवार को […]

इन्दौर। श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति के साप्ताहिक कार्यक्रम ’सृजन विविधा’ में पढ़ी गईं अधिकांश रचनायें माॅं को समर्पित रहीं, जिनमें नवरात्रि की झलक दिख रही थी। डाॅ. शीला चंदन की रचना ’वर दे’, डाॅ. आरती दुबे की रचना ’मैं संस्कृति हूॅं, देश की आत्मा हूॅं’ और जयंत तिकोटकर का […]

हिन्दी, भावों की अभिव्यक्ति और मातृभूमि पर मर-मिटने की भक्ति है: राज्यपाल श्री पटेल मध्यप्रदेश राष्ट्र भाषा प्रचार समिति द्वारा हिन्दी भवन में कार्यक्रम आयोजित भोपाल। हिन्दी, माँ भारती के मस्तक की बिंदी है। यह सिर्फ भाषा नहीं, भावों की अभिव्यक्ति और मातृ भूमि पर मर मिटने की भक्ति है। […]

हिन्दी माह में डिजिटल प्रतियोगिताओं के साथ-साथ हुए कई आयोजन इन्दौर। हिन्दी भाषा को देशभर में विस्तार देने के उद्देश्य से सितम्बर माह को मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा हिन्दी माह के रूप में मनाया जाता है। इस माह में संस्थान द्वारा हिन्दी महोत्सव 2024 का आयोजन किया गया। विगत आधे […]

एक घर बनाने की मशक्कत जानता हूँ- सुनील कुमार इन्दौर। कर्मचारी राज्य बीमा निगम श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के नंदा नगर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में हिंदी पखवाड़ा समापन समारोह के अवसर पर भव्य कवि सम्मेलन एवं पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन हुआ। इस अवसर पर निगम के क्षेत्रीय निदेशक डॉ […]

इन्दौर। श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति के साप्ताहिक आयोजन सृजन विविधा का आयोजन शुक्रवार को सम्पन्न हुआ। इक जमीं पर आसमानी इश्क खुशबुओं की राजधानी इश्क इस बार सृजनविविधा की शुरुआत करते हुए शीतल देवयानी ने यह खूबसूरत गजल पढ़ कर कार्यक्रम को खुशनुमा बना दिया। कीर्ति मेहता ने भी […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।