मिर्ज़ा असदुल्लाह खान ग़ालिब के बारे में आम राय यह है कि वे उर्दू के महानतम कवियों में से एक हैं। लेकिन इस महान कवि के उर्दू शब्दों के संकलन की दुनिया क्या है? हालाँकि ग़ालिब के दीवान को दर्जनों बार संकलित और संपादित किया गया था, लेकिन शायद ही […]

आज वैश्वीकरण और उदारीकरण की नीतियों के तहत उपभोक्तावाद का बुरा प्रभाव युवाओं को पड़ा है । लड़कियां चाहे या ना चाहे उन्हें एक न एक दिन इस बाजार का हिस्सा होना पड़ेगा। एक तरफ वे अपनी जम्हूरियत नागरिक एक कर्ता के रूप में समाजयात पहचान बनाने की लड़ाई लड़ […]

शिक्षा मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक ने आज घोषणा की है कि उनका मंत्रालय उच्च शिक्षा में भारतीय भाषा के माध्यम को लाने की कोशिश करेगा। बच्चों की शिक्षा भारतीय भाषाओं या मातृभाषाओं के माध्यम से हो, यह तो नई शिक्षा-नीति में कहा गया है और कोठारी आयोग की रपट […]

गत वर्ष अगस्त महीने में फरीदाबाद, हरियाणा के डीसीपी विक्रम कपूर ने मातहत इन्स्पेक्टर के ब्लैकमेल से तंग आकर सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली थी| पुलिस ने खुंदक में एक स्थानीय अख़बार के संपादक का नाम भी एफ़आईआर में शामिल करा दिया| आरोपी की तलाश में पुलिस […]

यह एक बड़ा सवाल है क्योंकि राजनीति एक ऐसा प्लेटफार्म है जिस पर खड़ा प्रत्येक राजनेता अपने चतुर और तेज दिमाग के दम पर ही अपनी पहचान स्थापित कर पाता है जोकि एक अडिग सत्य है। क्योंकि कोई भी सियासी पार्टी तभी सियासत की दुनिया में तेजी के साथ आगे […]

हम भारतीयों की किस्मत में ही शायद सही – सलामत यात्रा का योग ही नहीं लिखा है । किसी सफर में सब कुछ सामान्य नजर आए तो हैरानी होती है । कोरोना काल में उत्तर प्रदेश की मेरी वापसी यात्रा का अनुभव कुछ ऐसा ही रहा । कई मामलों में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।