किसान बिल के विरोध में लगातार दिल्ली की सीमा डटे हुए हैं। जिनकी कई बार सरकार से चर्चा भी हो चुकी लेकिन परिणाम जस के तस बने हुए हैं। क्योंकि न सरकार बिल को वापस लेने के लिए तैयार हो रही और न ही बार्ड़र पर डटे हुए किसान सरकार […]

साहित्यकार रामलाल बीमार हैं, साहित्यकार बीमार होते हैं और नेता अस्वस्थ्य होते हैं । साहित्यकार, बीमारी को सुन्दर शब्दों में अस्वस्थ्य होना भले ही कह देते हों पर वे अस्वस्थ न होकर बीमार ही होते हैं । बीमार आम आदमी होता है खास आदमी तो अस्वस्थ्य ही होते है। साहित्यकार […]

एक सभ्य समाज जिसकी रूप रेखा प्रत्येक दिन गढ़ी जाती है। धर्म का सहारा लेकर समाज से कुरूतियों को दूर करने का उदाहरण भी दिया जाता है। जिसके लिए धार्मिक मान्यताओं को अत्यधिक महत्व भी दिया जाता है। यह एक ऐसा दृश्य है जोकि किसी एक धर्म से संबन्धित कदापि […]

‘आयुर्वेद’ है ‘जीवन का ज्ञान’ आयुर्वेदयति बोधयति इति आयुर्वेदः। अर्थात जो शास्त्र आयु (जीवन) का ज्ञान कराता है उसे आयुर्वेद कहते हैं। आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। यह अथर्ववेद का समूचा विस्तार है। यह विज्ञान, कला और दर्शन का मिश्रण है। ‘आयुर्वेद’ का अर्थ है, […]

आज मिशन शक्ति व मिशन प्रेरणा के तहत विद्यालयों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं तथा ऑनलाइन मीटिंग, वेबिनार, रीड अलोंग, सभी कार्यक्रम गांव-गांव शहर-शहर चल रहे हैं। सभी शिक्षकगण भी चुनौती को सुअवसर में बदलने का प्रयास कर रहे हैं। विगत कुछ वर्षों में हम शिक्षकों व […]

भारतीय भाषाओं को उनका हक दिलाने के लिए 80 के दशक में संघ लोक सेवा आयोग के गेट पर वर्षों तक चलाए गए धरने के अध्यक्ष रहे बलदेव बंशी (1.6.1938-7.1.2018) अपने संघर्ष के लिए हमेशा याद किए जाएंगे. इस आन्दोलन में पुष्पेंद्र चौहान और राजकरण सिंह जैसे योद्धाओं ने अपना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।