एक विद्यालय सिर्फ किसी भवन की चारदिवारी को नहीं कहा जा सकता,सिर्फ शिक्षक और भौतिक वस्तुओं का होना भी विद्यालय की परिकल्पना को साबित नहीं करता है,विद्यालय का मूल केन्द्र बिंदु है उसके विद्यार्थी और उनकी संख्याl साथ ही उनकी उपस्थिति वो भी कितने समय तक क्योंकि,जब विद्यार्थी अपनी कक्षा(शाला) […]

आज पहली बार गाँव में जीव-जन्तुओं की सुनवाई के लिए रात्रि चौपाल का विशेष आयोजन रखा गया है। समस्त क्षेत्रीय जीव-जन्तु पूरी तैयारी के साथ चौपाल पर आते हुए राजमार्गों पर दिखाई दे रहे हैं। सभी जीव-जन्तु अपने-अपने समूह में चले आ रहे हैं। जीव-जन्तुओं में शाकाहारी,मांसाहारी,उड़ने वाले,रेंगने वाले तथा […]

हिंदी इस समय एक विचित्र दौर से गुज़र रही है। अनेक शताब्दियों से जो इस देश में अखिल भारतीय संपर्क भाषा थी,और इसीलिए संविधान सभा ने जिसे राजभाषा बनाने का निश्चय सर्वसम्मति से किया,उसे उस पद पर प्रतिष्ठित करना तो दूर,`आधुनिक शिक्षित` लोगों ने अखिल भारतीय संपर्क भाषा का रुतबा […]

प्रेम,इश्क,मुहब्बत,प्यार आखिर इन आधे अक्षरों में ऐसा क्या है कि प्यार से गुजरकर इंसान वो नहीं रहता,जो इश्क करने से पहले होता है… | जीवन का सही अर्थ प्रेम में ही समझ में आता है,फिर सारी जानकारी अनुभव बनने लगती है और अनुभव इंसान को रुपांतरित करने लगता है,यही रुपांतरण […]

कुछ लोगों का मानना है कि गांधी की हत्या गोडसे ने की,लेकिन यह जायज हत्या नहीं है। वो भी गांधी जैसे व्यक्तित्व की हत्या ? ? ? मेरा प्रश्न है कि गांधी के संदर्भ में हत्या भी क्या कभी जायज हुआ करती है ? ? ? गांधी जी की हत्या […]

******************************** हिमालय की उपत्यका में गंडक नदी की यह तटवर्ती भूमि वैदिक युग में अनेक ऋषि-मुनियों एवं संत महात्माओं की साधना स्थली रही। प्राचीन काल में यह भूभाग लिच्छिवी गणराज्य के अंतर्गत था जहां प्राचीन भारत की सभ्यता और संस्कृति का अभ्युदय हुआ। कालांतर में यह भू-भाग मगध साम्राज्य के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।