भारत का गणतंत्र विश्व का सबसे बड़ा गणतंत्र होने के नाते कुछ प्रश्न हमेशा मेरे दिमाग में वह बने रहते हैं। क्या हमारा लोकतंत्र मात्र” चुनावी लोकतंत्र” ही है? क्या हमारी निर्वाचित सरकारें चुनाव के समय बनाए गए मेनिफेस्टो को बाद में पूरा करती हैं? क्या जनादेश का सम्मान एवं […]

कहते हैं घर की बुनियाद अच्छी हो तो छोटे मोटे तूफान थाम लेते हैं। घर का अगर एक सशक्त बीम हो तो बाकियों को भी सशक्त और आर्दश के साथ रहना सिखाती है। इस महामारी काल में देश के चार स्तम्भों में से एक हमारी संवैधानिक व्यवस्था इन दिनों एक […]

यमराज मुर्दो की बैठकर रहे थे। वे जानना चाह रहे थे कि उनके पास इतने मुर्दे अचानक कैसे से आ रहे हैं। वे अपने मातहत कर्मचारियों और मुर्दो से पूछ रहे थे कि वे आखिर इतनी बड़ी संख्या में क्यों और कैसे आ रहे हैं। इससे पूर्व उनके पास आने […]

युवा चाहें तो समाज और देश में बड़े से बड़ा बदलाव ला सकते हैं। महामारी के इस भयावह दौर ने अगर परेशानियां दी हैं तो उससे कहीं अधिक सकारात्मकता का संचार भी किया है और इंसानियत का चेहरा उजागर किया है। युवाओं को कुछ करने का मौका मिला तो उन्होंने […]

वाह रे देश की बड़ी-बड़ी कुर्सी पर विराजमान बड़े-बड़े जिम्मेदार। क्या कोई भी जिम्मेदारी लेगा यह सोचना ही अपने आपमें बेईमानी है। क्योंकि यह सत्य है कि कोई भी जिम्मेदारी लेने के लिए आगे कदापि नहीं आएगा। दुखद यह है कि समस्या के निराकरण पर जितना जोर देना चाहिए वह […]

कोरोना की द्वितीय लहर ने ऐसा कहर बरपाया है कि चारों ओर त्राहिमाम -त्राहिमाम मची है । कोरोना की प्रथम लहर से भारत जीता था और इस बार भी महामारी से हम निश्चित ही फिर से जीतेंगे । प्रथम बार भारत में कोरोना ने इतना कहर नहीं ढाया था, जितना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।