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आज स्वार्थवृत्ति इतनी अधिक बढ गई है कि,अपने सामान्य स्वार्थ के लिए भी व्यक्ति अन्य जीवों के प्राण ले लेता है। सांप ने नहीं काटा हो,तब भी ‘यह विषैला प्राणी है,कदाचित् काट लेगा’, इस भय से उसे मार दिया जाता है। आज स्वार्थी मनुष्य जितना हिंसक व क्रूर बन गया […]

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अटल सौभाग्य चाहने के लिए आदिकाल से महिलाएं भगवान शंकर और पार्वतीजी की सच्चे मन से पूजा-अर्चना कर खीर-पूड़ी,दाल-भात का भोग लगाकर उनसे जीवन दाम्पत्य जीवन एवं परिवार की सुख समृद्धि,वंशवृद्धि का वरदान मांगती हैं। गणगौर पर्व के शुभारंभ को लेकर भिन्न-भिन्न मान्यताएं सामने आती हैं। कुछ का मानना है […]

नारी में अक्ल बहुत है भारी, पुरूष न समझा उसकी लाचारी.. मान लिया सिर्फ एक खिलौना, चाहे जैसे खेल खेलना। क्यों नारी संग भेद करे, क्यों समझे छोटा उसको.. हृदय दोनों का एक समान, फिर क्यों नारी का अपमान। पुरूष नारी का भेद हटा दो, समझो केवल मानव सबको.. फिर […]

नारी क्यों अपने आपको, कमजोर समझती है. नारी से ही तो इस संसार की उत्पत्ति है। नारी अपने आपको यदि भूल जाएगी, तो विश्व की संतानों को कैसे सम्भाल पाएगी।                                         […]

फिल्में सामान्य जीवन पर जल्दी असर करती हैं सामाजिक जीवन में, वैसे फिल्मों में काम करने वालों की कार्यशैली ऐसी ही है कि,वो एक प्रकार के उच्च व्यवसायिक तरह का जीवन जीते हैं। ऐसे में इनसे अच्छे संस्कार की उम्मीद बेइमानी है,यानी न के बराबर। सरकार (अधिकारियों )और नेताओं को […]

हमें कुछ नहीं चाहिए, बस लड़की संस्कारी चाहिए.. शादी ऐसी कर देना, दहेज कुछ न देना। बारात की खातिर, अच्छी कर देना.. अपनी बेटी को, जो चाहो दे देना.. बस समाज में मान रख लेना। चाहे दहेज कुछ न देना, जैसी हो रही है, शादी ऐसी कर देना.. चाहे दहेज […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।