बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ क्या हिंदी की उन्नति के लिए वास्तव में कुछ योगदान कर रही हैं? माफ़ कीजिएगा,सच यही है कि कंपनियाँ केवल और केवल अपनी मार्केटिंग और बाजार के हिसाब से स्ट्रेटेजी बनाती हैंl यदि उनमें फायदा दिखता है और मिलता है,तभी वे कोई काम करती हैं, अन्यथा नहीं,कतई नहीं। […]

सब हेडिंग-राष्ट्रीय कवि चौपाल में ‘स्वागतम दीपोत्सव’ एवं डॉ. कलाम के जन्मदिवस पर हुआ कविताओं का वाचन बीकानेर। राष्ट्रीय कवि चौपाल की ११५ वीं कड़ी रविवारीय को पंचवटी सादुल स्कूल भ्रमण पथ स्थित मैदान में आयोजित की गई।  कार्यक्रम में  स्वागतम दीपोत्सव एवं पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को […]

देवघर। राष्ट्रीय कवि संगम का वार्षिक अधिवेशन ८ अक्टूबर को देवघर (झारखंड) में हुआ हुआ। इसमें धनबाद के कवियों ने अपनी रचनाओं से धूम मचा दी। खास तौर पर सांसद निशिकांत दुबे की बतौर अतिथि उपस्थिति रही। इस सम्मेलन में श्री दुबे के संबोधन से कवियों में उत्साह का शानदार […]

  भोपाल। अंग्रेजी भाषा के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूरे देश में `मातृभाषा बचाओ अभियान` चलाएगा। संघ का मानना है कि अंग्रेजी माध्यम के बालवाड़ी (प्ले स्कूल),शिशु सदन (नर्सरी) और पूर्व-प्राथमिक विद्यालयों (प्री-प्राइमरी) के बढ़ते प्रभाव के कारण बच्चे अपनी मातृभाषा से दूर होते जा […]

मुंबईl बैंक ऑफ बड़ौदा तथा वैश्विक हिंदी सम्मेलन के तत्वावधान में सितंबर में बैंक ऑफ बड़ौदाके मुख्यालय में ‘हिंदी का वैश्विक परिदृश्य’ विषय पर संगोष्ठी रखी गईl मुख्य अतिथि दक्षिण अफ्रीका ‘हिंदी शिक्षा संघ’ की अध्यक्ष प्रो.उषा शुक्ला थीं। इस संगोष्ठी में प्रो.शुक्ला ने बताया कि,भारत से कभी मजदूर बनकर […]

इण्डिया नहीं है भारत की गौरव गाथा…। यह कहना है कन्नड़ भाषी जैनाचार्य विद्यासागर जी महाराज का। समाज में आए भटकाव से हमारी जवान पीढ़ी का ख़ून सोया हुआ है। कविता ऐसी लिखो कि रक्त में संचार हो जाए। इस पीढ़ी का इरादा ‘इण्डिया’ नहीं ‘भारत’ में बदल जाए। वे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।