सुबह की प्यारी-सी नींद में वो प्यारी-सी आवाज,-अरे भाग्यवान उठो री,सूरज चढ़ आया है।’ दीपक ताऊ की आवाज ने जैसे नींद को छूमंतर कर उसे नई चेतना प्रदान कर सचेत कर दिया। उस आवाज के साथ ही इक आवाज बिमला ताई की आई,तो जैसे अम्रत के घोल में जहर घोल […]

शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ न होना ही सिर्फ अपाहिजपन नहीं होता,संपूर्ण होने के बाद जब स्वाभिमान खत्म हो जाता है,असल में तब अपाहिज होता है इंसानl निशा भी अपाहिज हो चुकी थी,ऐसे लोगों के बीच थी जहां उसका स्वाभिमान दो कौड़ी का नहीं बचा थाl हज़ार बातें सुनने […]

(सत्य घटना पर आधारित )      महामान्य गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने राय दे दी कि वनांचल में जनबस्ती अवैध है। उच्च न्यायालय ने सरकार को जल्द से लोगों को यहाँ से हटाने के निर्देश दिए हैं। आमचांग असम का एक वनांचल है, जहाँ लगभग बीस साल से जनजाति के […]

रविवार यानि छुटियों के दिन गांव में आकर जैसे मन आनंदित हो उठा। सुबह-सुबह खलिहान में बैठा मैं कभी पुआल से खेलता,कभी खेत की ओर निहारता। खुद से खेल-खेलकर थक-सा गया,सोचा आराम कर लूं तो पुआल बिछाया और लेट गया। सामने खेल रहे बच्चों क़ा वो  गुल्ली-डंडा का खेल मुझे […]

आज ठण्ड बहुत ज्यादा थी,कोहरा भी छाया हुआ था। सर्द मौसम में पड़ोस की गली सूनी पड़ी थी,जहां हर समय छोटे-छोटे बच्चों का शोर बना रहता है,  पर सब आज अपने कच्चे-पक्के मकानों या कहें कि,झोपड़ियों में दुबके हुए थे।  जिनके तन पर गर्म कपड़ों की बात तो दूर,तन ढंकने […]

`अच्छा बच्चों! आज मैं मुहावरे सुनती हूं`l पांचवी कक्षा की शिक्षिका कविता ने बच्चों से कहा। `मैडम जी! दोहराई करने दीजिए।` सस्वर सभी छात्रों ने नम्र निवेदन किया। `ठीक है,दो मिनट देख लीजिए।` ‘शिक्षिका ने बड़प्पन दिखाया। इसके बाद शिक्षिका ने छात्रों की कॉपी बंद करवा दी और मुहावरे सुनने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।