बनवास हुआ है आज खत्म, आज अयोध्या जाएंगे.. घी के दिए जला लो सब, हम आज दिवाली मनाएंगे.. बरसों बतलाया जिसे विवादित, अब मंदिर वहीं बनाएंगे.. घी के दिए जला लो सब, मेरे श्री राम आज घर जाएंगे.. #सचिन राणा “हीरो” हरिद्वार( उत्तराखंड) Post Views: 34

आस्था के दीप से जगमग अयोध्या नगरी मनवांछित फल पाए सज गई पुरूषोत्तम नगरी। साधु संत और फकीर के संग करोडो देशवासी सब के सब है मर्यादा पुरूषोत्तम के दासी। उसकी लीला वही जाने सबको राह दिखाएगा सबका फैसला वो करे उसे भला कौन भूला पाएगा। आज परूषोत्तम को भी […]

हम हिंदुस्तानी स्वीकार करते हैं इक दूसरे से प्यार करते हैं समभाव सतभाव को जिंदा रखा हमने नहीं लड़ना झगड़ना करार करते हैं हिंदु मुसलमा शिख इसाई भाईचारा हमारा हैं सद्भावना का हम प्रचार करते हैं मजहब नहीं सिखाता आपस मे बैर रखना आपस मे ना कोई हम तकरार करते […]

भारतीय संस्कृति व्रतों, त्यौहारों और पर्वों की संस्कृति है। हर तिथि किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है और इन तिथियों के अनुसार देवी-देवताओं को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए पर्वों का आयोजन किया जाता है उनकी उपासना करते हुए हर्षोल्लास के साथ त्यौहारों को मनाया जाता है। कार्तिक मास […]

देर से ही सही लेकिन रामजन्म भूमि- बाबरी मस्जिद मामले में सर्वोच्च न्यायालय के पांच जजो ने एक राय होकर अपने फैंसले में रामलला को उसका जन्म स्थान और मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन देने के आदेश देकर इस विवाद का स्थायी समाधान करने की कोशिश की है। जिससेअयोध्या […]

प्राचीन इमारतों, किलों, महलों और पर्वत श्रृंखलाओं का शहर ग्वालियर मुझे हमेशा ही प्रभावित करता रहा है। कई बार यहां आने का मौका मिला है। यहां का समृद्ध साहित्यिक वातावरण भी मुझे अपनी ओर खींचता है। मेरे छात्र जीवन के समय से मेरे साथ जुड़े हुए साहित्यिक क्षेत्र के कई […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।