गोंदिया। साहित्य सत्संग मंडल कटंगीकला,गोंदिया ने गणतंत्र दिवस निमित्त ऐ मेरे वतन के लोगों शीर्षक के अंतर्गत ग्रामीण बैंक भवन हाल में राष्ट्रीय भावनाओं से ओतप्रोत कविसम्मेलन का शानदार आयोजन किया जिसमें आमंत्रित कवियों नेअपनी विभिन्न रसों की रचनाएँ सुनाकर रसिक श्रोताओं को देशप्रेम का संदेश दिया। अध्यक्षता श्री धन्नालाल […]

तुझे देखने का हर रोज, हम इंतजार करते हैं। दिल से हम तुम्हे बहुत, प्यार करते है। कल का दिन तुझे देखे, बिना निकल गया। अब आज हमे तेरा, बहुत इंतजार है ।। आंखों से तीर छोड़ने की, जो तेरी अदा है। तेरी आँखों में नशा है। जो निगाहो से […]

सेवा में, श्री नरेंद्र मोदी जी, प्रधानमंत्री भारत सरकार, नई दिल्ली। दिनांक: 28 जनवरी 2020 विषय: नागरिकता संशोधन कानून सी.ए.ए. के पक्ष में राष्ट्र के प्रति अपना कर्तव्य निभाने के लिए मुझे पदयात्रा की शीघ्र अनुमति हेतु आवेदन-पत्र।सम्माननीयों जय हिंद आदरणीय महोदय (2) कड़वे सच (हिंदी) (3) मुझे न्याय दो […]

आया वसंत, छाई उमंग महकी पवन, अंग-अंग तंग उढ़ रही गौरी की चूनर लाल चहके खग डाल-डाल आया वसंत, छाई उमंग शोभा अनंत, फैली तरंग बौराई अमुआ की डाल बदल गई गौरी की चाल आया वसंत, छाई उमंग बहके हैं संत, यौवन के संग सरसों फूली पीली-पीली वसुधा हुई रंग-रंगीली […]

अर्कान-1222×4-मफाईलुन-मफाईलुन-मफाईलुन-मफाईलुन. शहीदों की चिताओं में लगें मेले मुनासिब है। शहादत को रखेंगे याद मुमकिन यार वाज़िब है।-01 रखें महफूज़ सरहद को यकीनन जान से खेले, जमाना ये कहे सैनिक बड़ा अय्यार साहिब है।-02 शहादत भी वतन के वास्ते ज़न्नत हुआ करती, तलब हो जब हिफाज़त की वही तो यार तालिब […]

बचपन की यादों को, मैं भूला सकती नहीं। मां के आँचल की यादे, कभी भूली ही नहीं। दादा दादी और नाना नानी, का लाड़ प्यार हमे याद है। मौसी बुआ का दुलार, दिल से निकला नही। वो चाची की चुगली, चाचा से करना। भाभी की शिकायत भैया से करना। बदले […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।