आदिगुरु हैं नानका,पीछे अंगद देव। अमरदास गुरू रामजी,पंचम अर्जनदेव।। हरगोविन्द हररामजी,हरकिशन अरु तेग। दशम गुरु गोविन्दजी, हरते पीडा वेग।। जयजयजय गुरुनानक देवा। प्रभु की वाणी मानव सेवा।। रावी तट तलवंडी ग्रामा। गुरु जनमें पावन ननकाना।। सन चौदह उनहत्तर साला। कातिक पूनम भया उजाला।। कालू मेहता घर अवतारा। मां तृप्ता की […]

जीवन बहुत अनमोल है रखिए इसे संभालकर जीवन के हर क्षण को सुंदर बनाइये संवर कर देह के साथ मन का भी सुंदर होना जरुरी है मन मे कोई विकार न हो यह देखना भी जरुरी है व्यर्थ के चिंतन से बचकर सार्थक चिंतन कीजिए जिसने हमे धरा पर भेजा […]

राजा शिवप्रसाद ‘सितारेहिन्द’ ( जन्म 3 फरवरी 1823) को इतिहास में खलनायक की तरह चित्रित किया गया है, किन्तु, जिस समय देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली हिन्दी संकट काल से गुजर रही थी, राजा शिवप्रसाद उसके समर्थन और उत्थान का ब्रत लेकर साहित्य क्षेत्र में आए। उन्होंने हिन्दी, उर्दू, […]

शास.पूर्व माध्यमिक विद्यालय सरसवाही जनपद मानपुर में बसंत पंचमी पर्व पर माँ वीणावादिनी की विधि पूर्वक पूजन सम्पन्न हुई,जिसमें विद्यालय परिवार के अलावा आसपास के विद्यालय के शिक्षकों व ग्राम के वरिष्ठ नागरिक अभिभावक सम्मिलित हुये, बच्चों के उत्साह वर्धन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाये गये जिसमें बच्चों नें बढ़ […]

अंतरात्मा की आवाज है परमात्मा की आवाज सदा सही राह दिखाती है हमसे न्याय कराती है भरोसा इस पर करते रहिए जीवन मे बस आगे बढ़िए इससे भी अगर अच्छा चाहिए परमात्मा में ध्यान लगाइये आत्मा को शक्ति मिल जाएगी सत्यता वाणी में आ जायेगी इसी से सद परिवर्तन होगा […]

भारत की आज़ादी के पहले ही एक क्रांति अपना अस्तित्व तलाश रही थी, उसी के माध्यम से भारतभर में एक सूत्रीय संपर्क स्थापित हो सकता था। संवाद और संपर्क के प्रथम कारक में हिंदी भाषा का अस्तित्व उभर कर आया। दशकों से हिन्दी भाषा के स्वाभिमान, स्थायित्व और जनभाषा के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।