जीवन का नव वर्ष प्रिये यह प्रीत नवल स्वीकार हो कौन – विश्वास दूँ में तुम्हें यह रीत नवल स्वीकार करो …। मुझको खिंचता निरंतर तुम गीत नई मुस्कान हो सिर्फ पक्ष नहीं दो शब्दों में यह प्रसंग नवल स्वीकार करो । विषाद राग से भरी रही न सुख कहीं […]

तारक मेहता का उल्टा चश्मा को एक के बाद एक माइलस्टोंस बनाने की एक अच्छी आदत हो गई है । यू ट्यूब पर इसके ऑफिशल हैंडल के 15 मिलियन फॉलोअर्स हो गए हैं। शो के प्रशंसकों के लिए जश्न मनाने के लिए एक और उपलब्धि है। तारक मेहता का उल्टा […]

✍🏻 डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ हर साल की तरह कैलेण्डर ने साल बदलने की दस्तक दे दी, चाहे अंग्रेज़ी तारीख़ बदले चाहे संवत्सर पर आँकलन कुछ यह भी करना अनिवार्य होता है कि हम कहाँ कमज़ोर रह गए, कहाँ हमने ठीक काम किया क्योंकि हिसाब किसी अन्य को न सही […]

जब भी लिखें, सार्थक लिखें- श्री वाजपेयी दीप्ति शर्मा “दीप” भाषा सारथी सम्मान से सम्मानित इंदौर। लेखिका डाॅक्टर पूजा मिश्रा “आशना’ के मुक्तक संग्रह ‘कहो रह सकोगे सदा साथ साजन’ पर चर्चा का आयोजन विचार प्रवाह साहित्य मंच के बैनर तले हुआ। अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार श्री हरेराम वाजपेयी […]

इन्दौर। मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक के रूप में पूरे प्रदेश की साहित्य मेधा का उत्कृष्ट पल्लवन और कार्यों के पहचाने जाने वाले डॉ. विकास दवे केंद्र सरकार की साहित्य अकादमी के भी जनरल काउंसिल के सदस्य मनोनीत हो गए हैं। डॉ दवे की कार्यशैली से अधिकारी, साहित्यकार व आम […]

परिचर्चा संयोजक- डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ भारत के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में चिह्नित इन्दौर का सांस्कृतिक और साहित्यिक सौष्ठव भी अभूतपूर्व है। इस शहर ने हिन्दी कहानी में डॉ. शरद पगारे, डॉ. कृष्णा अग्निहोत्री, कविता में राजकुमार कुम्भज, चंद्रसेन विराट, सत्यनारायण सत्तन सहित अन्य विधाओं में भी देश […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।