चिंतन करे हम सब अपना क्यो बिखर रहा हर सपना दोष विधाता को दे रहे हो पर खोटा तो है मन अपना राक्षसी खाना जब खाने लगे विकारग्रस्त हम होने लगे महामारी काल बनकर आई बीमारी छिपाना अपराध हो गई आदमी ही आदमी से दूर हो गया डिस्टेंस मेन्टेन को […]

24 घंटे में 1000 से ज्यादा लोगों ने लिया ऑनलाइन संकल्पइन्दौर। वैश्विक बंदी और लॉक डाउन में हिंदी के साहित्यकार और हिन्दी योद्धाओं ने एक युद्ध कोरोना के विरुद्ध छेड़ा हैं, जिसमें सभी ने ऑनलाइन संकल्प लिया।ऑनलाइन संकल्प का आयोजन हिन्दीग्राम व मातृभाषा द्वारा आयोजित किया जिसका संयोजन भावना शर्मा […]

खारेपन को भी लगा लेती अपने इन सूखे पपड़ी खाये अधरों से और बुझा लेती पिपासा अपनी पर इतनी भी नासमझ और बेकरार नहीं सुन रे जिया… तू समंदर मत बन तेरी आस न रहेगी तू बादल बन जा कभी रिमझिम तो कभी मूसलाधर बरस जा मुझ पर मधुर मधुर […]

विरह की नगरी में मिलन की नगरी कैसे बसाऊं ? लाक डाउन लगा है, तेरे पास अब मै कैसे आऊ ? उदास बैठी हूँ, बस तेरा ही इन्तजार कर रही हूँ | whatsapp के जरिये,अपनी व्यथा भेज रही हूँ || कब आयेगी मिलन की घड़ी,ये रब को ही है पता […]

विरह की नगरी में मिलन की नगरी कैसे बसाऊं ? लाक डाउन लगा है, तेरे पास कैसे अब आऊ ? उदास बैठी हूँ, बस तेरा ही इन्तजार कर रही हूँ | whatsapp के जरिये,अपनी व्यथा भेज रही हूँ || कब आयेगी मिलन की घड़ी,ये रब को ही है पता | […]

कोरोना के कहर ने वाकई दुनिया को गांव में बदल दिया है . रेलनगरी खड़गपुर का भी यही हाल है . बुनियादी मुद्दों की जगह केवल कोरोना और इससे होने वाली मौतों की चर्चा है . वहीं दीदी -मोदी की जगह ट्रम्प और जिनपिंग ने ले ली है . सौ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।