बहर- 212 212 212 212 प्यार में कब हुआ है नफ़ा देखिए। प्यार में कब मिली है दवा देखिए। प्यार सदियों से’ जाता रहा है छला, प्यार को छल रहे बेबफ़ा देखिए। प्यार पाने की’ हसरत सभी में मगर, प्यार में जिंदगी को लुटा देखिए। प्यार के नाम पर वासना […]
मंदिर, मस्जिद ,चर्च ,गुरुद्वारे बंद हो गए है सारे के सारे कोरोना की बात ही निराली धर्मालय हो गए है सब खाली अब शराब की दुकाने खुलेगी सरकार का वह खज़ाना भरेगी रोटी से पहले क्या शराब जरूरी वाह री ,सरकार तेरी मजबूरी कुछ तो शर्म कर लेते आक़ा बिगाड़ […]
कैफ़ भोपाली साहब की एक ग़ज़ल का मतला है- “कौन आएगा यहाँ कोई न आया होगा मेरा दरवाज़ा हवाओं ने हिलाया होगा।” वर्तमान परिस्थिति में कमोबेश यह स्थिति हमारे देश सहित लगभग पूरे विश्व की है…! मेहमान,अतिथि तो क्या आस-पड़ोस वाले भी आकर अभी दरवाज़ा नहीं खटखटाते…थोड़े खाते-पीते घरों में, […]
“मंदिर मस्जिद बैर कराती मेल कराती मधुशाला’’| जी हाँ ! यह बात श्री हरिवंश राय बच्चन जी ने बहुत समय पहले ही अपनी मधुशाला मे लिख दी थी और यह बात वर्तमान सरकार ने लोक डाउन तीन का अंतर्गत स्वीकार भी कर ली | “अरे सर वो कैसे ?’’ किसी […]
डॉ. कविता किरण द्वारा जारी है ऑनलाइन कवि सम्मेलन इन्दौर। वैश्विक महामारी कोरोना के संकट के दौरान व्यक्ति मनोरोगी न हो जाए ऐसा प्रयास कवि कुनबे के द्वारा भी लगातार जारी हैं। इसी कड़ी में फालना राजस्थान की सुप्रसिद्ध कवियित्री डॉ. कविता किरण द्वारा एक माह से लगातार ‘कॉफी विद […]
तेरी आँखों में हमें, जाने क्या नज़र आया। तेरी यादों का दिल पर, शुरुर है छाया। अब हम ने चाँद को, देखना छोड़ दिया। और तेरी तस्वीर को, दिल में छुपा लिया।। दिल की धड़कनो को, पढ़कर तो देखो। दिल की आवाज को, दिलसे सुनकर देखो। यकीन नहीं है तो, […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।