महाराणा प्रताप जयंती पर विशेष जय हो राणा जय महाराणा। जय मेवाड़ा राजपुताना।। उदयपुरी उदेसिंह बसाया। गढ़ चित्तोड़ा दुर्ग बनाया ।। मातु पिता तुम्हरे जस पाई। उदय सिंह जसवंता बाई ।। नौ मई पंद्रह सौ चालीसा। जन्में राणा हिन्दू ईशा ।। पूत अमरसिंह अजबद नारी। चेतक घोड़ा करी सवारी।। लम्बी […]

ग़ज़ल हिंदी की सबसे ज्यादा पढ़ी, समझी और सराही जाने वाली विधा है. यह अरबी से होते हुए फिर उर्दू से हिंदी में आई. अरबी फारसी और उर्दू की ग़ज़ल अपने कथ्य के स्तर पर एक ही सी रही. कहने का अर्थ है ग़ज़ल जिसे प्रेम काव्य की संज्ञा दी […]

नामकरण एक अनूठा संस्कार भविष्य का वही प्रथम आधार नाम अनुरूप ही संस्कार बनते भविष्य के वही पर्याय बनते देव स्वरूप हो अपना नवजात देवो नाम पर नामकरण करते रावण,कंस,दुर्योधन ,सूर्पनखा इनके नाम न रखे कोई सखा बलराम ,कृष्ण,राधा सब चाहते राम, सीता,लक्ष्मण भी भाते गलत नाम से हर कोई […]

पाँव रख संभालकर महामारी का समय है फन फैलाये फुफकार रहे हैं काले नाग ड़स रहें आदमी, आदमी को … वर्तमान सरकारें हो चुकी हैं पूर्णरूप से नाकाम खड़े करके दोनों हाथ छोड़ दिये गरीब-मजदूर मरने-कटने स्वयं के भाग्य पर सारा देश चल रहा है रामभरोसे ! सरकार चलाने वाले […]

मै भारत माँ का बेटा हूँ , भारत माँ मेरी माता है , भारत माँ का लाल हूँ , भारत माँ का सोना हूँ , मै भारत माँ का बेटा हूँ , भारत माँ मेरी आँशु है , भारत माँ की छांव में , हर दिन सुकून पाता हूँ , […]

है प्रभु! बद्री विशाल, तुम हो सबसे विशाल। Korona वायरस का प्रभु अंत करो तुम तत्काल।। है प्रभु ! कृपा करो हम पर, कॉरोना से हमें मुक्त कराओ। तुम बिन कोई नहीं हितकारी, इस राक्षस से मुक्त कराओ।। सारा जग korona से हारा, प्रभु ! बस अब तेरा सहारा। जब […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।