‌ अब समय की मांग कहें या जरूरत, परंतु लाॅकडाउन की पाबंदियां हटाना अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का एक मात्र उपाय है। इसके साथ-साथ कोरोना विषाणु से सावधानीपूर्वक युद्ध कर उसे मात देने का संघर्ष भी जारी रखा जाना अनिवार्य है। अन्यथा स्पष्ट है कि कोरोना विषाणु से मरने […]

यह सत्य है कि जिस भी क्षेत्र में यदि कोई भी विश्वासी व्यक्ति जुड़ जाता है तो दोगुना ताकत बढ़ जाती है। यह अडिग सत्य है। फिर चाहे वह व्यवसाय हो अथवा प्रशासनिक सेवा या फिर राजनीति किसी भी क्षेत्र में भरोसे का साथी होना अत्यंत आवश्यक है जोकि आपका […]

लॉक डाउन का मारा, आम आदमी है बेचारा। मिलता नहीं कोई सहारा फिरता है अब मारा मारा।। मार मध्यम वर्ग पर पड़ी है, उसकी जुबान बन्द पड़ी है। मिला नहीं पैकेज उसको, सरकार भी मूक खड़ी है।। जिसकी आय बहुत कम थी, मुश्किल से होता था गुजारा। यह वर्ग बहुत […]

हिंदी साहित्य के इतिहास पुनर्लेखन का समय फिर से एक बार निकट आता दिखाई दे रहा है। वीरगाथा काल से शुरु हो कर भक्ति काल, रीति काल और आधुनिक काल तक लिखे गये इतिहास में अब तालाबंदी (लॉकडाउन) काल को जोड़ना पड़ेगा। लॉकडाउन का सही उपयोग किसी ने किया तो […]

इस कोरोना ने सड़कों को सुनसान कर दिया। हर इंसान को घर में अब बन्द कर दिया।। अब इंसान आराम नहीं,रोजी रोटी चाहता। इस आराम ने भी इंसान को परेशान कर दिया।। कुछ सिखाकर यह दौर भी गुजर जाएगा। उम्मीद रकखो अच्छा वक़्त भी आएगा।। रहता नहीं वक़्त एक सा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।