गहलौत ने ऐसा चक्कर चलाया, पायलट चारो खाने चित्त आया। कहता था मै सरकार गिरा दूंगा, पर ऐसा गिरा खुद उठ ना पाया।। अब पायलट कैसे हवा में उड़ेगा, उसका जहाज कहां लैंड करेगा। मन में मन वह पछता रहा होगा, अपनी करनी वह खुद ही भरेगा।। धोबी का कुत्ता […]

एक ओर शिक्षा विभाग कोरोना संकट को देखते हुये छात्रों के नवीन पाठ्यक्रम को सरल और संक्षिप्त करने में जुटा हैं वहीं दूसरी ओर शा जिला उत्कृष्ट उ मा वि के शिक्षक डाॅ दशरथ मसानिया ने हिन्दी के दो नवाचार प्रस्तुत किये हैं। कक्षा 9 के छात्रों की हिन्दी पाठ्यपुस्तक […]

गोप्रचारं यथाशक्ति यो वै त्यजति हेतुना। दिने दिने ब्रह्मभोज्यं पुण्यं तस्य शताधिकम्।। तस्माद् गवां प्रचारं तू मुक् त्वा स्वर्गात्र हीयते। यश्छिनत्ति द्रुम पुण्यं गोप्रचारं छिनत्यपि।। तस्यैकविंशपुरुषाः पच्यन्ते रौरवेषु च। गोचारध्नं ग्रामगोपः शक्ति ज्ञात्वा तू दण्डयेत्।। (पद्मपुराण,सृष्टि० ५१।३८-४०) अर्थ: ‘जो मनुष्य गौओं के लिए यथाशक्ति गोचरभुमि छोड़ता है, उसको प्रतिदिन सौसे […]

मैं किसान हूँ अब आपने अनुमान लगा ही लिया होगा कि मेरे पिता एवं पितामह भी अवश्य ही किसान रहे होंगे आपका अनुमान सही है श्रीमान मेरे पूर्वज भी थे किसान किसान का पुत्र किसान हो या ना हो किसान का पिता अवश्य किसान होता है किसान होना तो अभिशाप […]

अजन्मा,अशरीरी, निराकार कहलाता है ज्योतिबिंदु स्वरूप है दिव्यता फैहराता है पिता हमारा पालक वह आंनद सुखदाता है प्रेम का महासागर है प्रेम ही बरसाता है पवित्रता का पाठ पढाये विदेहीपन सिखलाता है राजयोग पाठ्यक्रम है ज्ञान सारा बतलाता है।#श्रीगोपाल नारसन Post Views: 29

भारत में उत्तरप्रदेश हिंदी का सबसे बड़ा गढ़ है लेकिन देखिए कि हिंदी की वहां कैसी दुर्दशा है। इस साल दसवीं और बारहवीं कक्षा के 23 लाख विद्यार्थियों में से लगभग 8 लाख विद्यार्थी हिंदी में अनुतीर्ण हो गए। डूब गए। जो पार लगे, उनमें से भी ज्यादातर किसी तरह […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।