भारत की एकता संप्रभूता और आस्था को एक नई गाथा अयोध्या नगरी में लिखी जाएगी जब भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण कार्य की नींव रखी जाएगी।सदी के महानतम कार्यो में से एक यह दो सदी के संघर्षो का इतिहास समेटने हुए खड़ा होने को उत्सुक है।वही पूरा भारतवर्ष राममय […]

अपने काव्य संग्रह ’वारांगना (व्यथांजलि)’ में डॉ. अर्पण जैन ’अविचल’ स्त्री के उस रूप की मार्मिक अंर्तव्यथा संसार के समक्ष रखना चाहता हैं,जिसे समाज हेय और घृणा की दृष्टि से देखता है।जिसके विषय में बात करने से भी समाज कतराता है। संभवतया स्त्री रचनाकार भी जिस विषय पर रचना करने […]

वैशविक परिदृश्य में कुछ घटनाक्रम ऐसे होते हैं जो अलग अलग स्थान और अलग अलग समय पर घटित होते हैं लेकिन कालांतर में अगर उन तथ्यों की कड़ियाँ जोड़कर उन्हें समझने की कोशिश की जाए तो गहरे षड्यंत्र सामने आते हैं। इन तथ्यों से इतना तो कहा ही जा सकता […]

बहुत छेड़ा करते थे, प्रकृति के संसाधनो को। ये सब देखते रहे, श्रृष्टि के वो निर्माता। और हंसते रहे भाग्यविधाता, जिसने लिखा है भाग्य तेरा। अब तो तू संभल जा, और समय को समझ जा। क्योंकि समय की मार ने, देखो सब कुछ बदल दिया। अपने पराये के भेद को, […]

अहंकार है शत्रु बड़ा रहता है पास खड़ा नज़र कही आता नही हमसे दूर जाता नही मन के किसी कोने में जगह अपनी बनाता है जब भी अवसर मिलता हावी वह हो जाता है काम,क्रोध,मोह,लोभ भाई इसी के होते है अहंकार के आने पर वे दौड़े चले आते है विनम्रता […]

रामजन्मभूमि पर भूमिपूजन अपनी दिव्यता की ओर है, यह केवल एक मंदिर बनने का उत्सव नही। यह भारत के राष्ट्रपुरुष के राष्ट्रीय स्वाभिमान बनने का उत्सव है। जब देश की सभ्यता और संस्कृति की पहचान पूछेंगे, तो हम गर्व से कह सकेंगे कि अयोध्या हमारी सभ्यता, हमारी संस्कृति की अमूल्य […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।