आजादी के उत्सव में सामयिक परिवेश इकाई गुजरात मंच पर देश के प्रसिद्ध साहित्यकार जुड़े और आजादी के उत्सव में अपनी रचना ओ के माध्यम से सुंदर रंग बिखरते भारत माता की प्रतिमा विविध प्रकार के रंगों से बहुत ही निखर उठी, इस कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 16 अगस्त 2020 […]

न हम हिन्दू न हम मुस्लिम और न सिख ईसाई है। हिंदुस्तान में जन्म लिया है तो सबसे पहले हम हिंदुस्तानी है। आज़दी की जंग में इन सब ने जान गमाई थी। तब जाकर हमको ये आज़दी मिल पाई थी।। पर भारत माँ अब बेबस है और अंदर ही अंदर […]

भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज श्री राम जन्मभूमि की स्वतंत्रता के मुद्दे को लालकिले की ऐतिहासिक प्राचीर से उठा एक नया इतिहास रचा है। हमने अब तक 12 प्रधान मंत्रियों को लालकिले की प्राचीर से सुना। किन्तु, मात्र एक, इन […]

आज सुबह दर्पण हँसकर मुझसे बोला। “हिम्मत है तो नज़र मिलाकर देखो ना, मैं दिखलाता हूँ वैसा, जैसे तुम हो, क्या तुमने भी कभी हृदय अपना खोला?” दर्पण ने उपहास उड़ाया ज्यों मेरा। “ताँक – झाँक करना तेरी आदत गंदी, बिना बुलाये कहीं नहीं जाता हूँ मैं, लोभ – मोह […]

लूटकर अपना सब कुछ अभी तक तो जिंदा है। रहमो कर्मो पर उसके अभी तक जी रहे है। किसी और की करनी का फल पूरा विश्व भोग रहा है। और फिर भी शर्म उन्हें बिल्कुल भी नही आ रहा।। कितना जहरीला होता है आज का ये इंसान। जो विपत्ति में […]

प्रभावशाली होती थी बातें उनकी उनकी खामोशियों में भी थी ताक़त लिखीं कविताएँ उन्होंने ओजस्वी उनके व्यक्तित्व में थी सदाक़त प्रधानमंत्री भारत के दसवें थे वो फिर भी जीवन रहा सदैव सादा ऐसे थे अटल बिहारी वाजपेयी अटल था उनका हर एक इरादा मनीषा कुमारी आर्जवाम्बिका अररिया(बिहार) Post Views: 38

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।