दिल जिस से लगा उसे पा न सका। पाने की कोशिश में बदनाम हम हो गये। फिर जमाने वालो ने खेल मजहब का खेला। जिसके चलते हम दोनों को अलग होना पड़ा।। मोहब्बत करने वाला का क्या कोई मजहब होता है। दोनों का खून क्या अलग अलग होता है। क्यों […]

आपदाओं को हम भी अवसर में ढाल रहें हैं इसलिए तो पर्मानेन्ट हल,नहीं निकाल रहें हैं। आपदाएं ही तो हमारी आमदनी का जरिया है राहत की राशि अपनी तिजोरियों में डाल रहें हैं । हमे तो रहता है इन्तजार आपदाओं का हमेशा टिका कर सियासत इन पर सालों साल रहे […]

उम्र भर एक दुसरे को सताते रहे खुद को हमेशा बेहतर बताते रहे । एक घर,एक दर व एक ही बिस्तर बस अपने अपने रिश्ते निभाते रहे। कोसते हुए अपने किस्मत को हम एहसान एक दूसरे पर जताते रहे। घर-बाहर, बच्चों के लिए ही सही जिम्मेदारियां दोंंनो की उठाते रहे […]

खत प्यार का एक हमने उनको लिखा। पर पोस्ट उस को अब तक नहीं किया। अपने अल्फाजो को अपने तक सीमित रखा। बात दिल की अपनी उन तक पहुंच न सका।। डर बहुत मुझको उनसे और अपनों से लगता था। कही बात का बतंगड़ कुछ और बन न जाये। इसलिए […]

मां की हत्या से विचलित न हुआ वह देश संभालने निकल पड़ा था अंतर्मन की वेदना को छिपाकर वह देश बचाने निकल पड़ा था आधुनिक भारत बनाने को उसने प्रौद्योगिकी, संचार में कदम बढ़ाया साक्षरता के विरुद्ध लड़ाई लड़ी पर्यावरण संरक्षण को कानून बनाया वन नीति और औद्योगिक नीति जल […]

नई शिक्षा नीति में प्राथमिक स्तर तक शिक्षा का माध्यम मातृभाषा किए जाने के संबंध में वैश्विक हिंदी सम्मेलन द्वारा स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2020 को गूगल मीट पर वैश्विक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में देश के विभिन्न राज्यों की और विभिन्न भाषाओं के प्रतिनिधियों ने सहभागिता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।