बावन अक्षरों की प्यारी हिन्दी स्वर -व्यंजन की दुलारी हिन्दी जन्म की भाषा कहलाती हिन्दी नवजात रुदन में आती हिन्दी भारत को पहचान दिलाती हिन्दी संस्कृति में नज़र आती हिन्दी परमात्मा की भाषा भी हिन्दी देवताओ की परिभाषा हिन्दी ह्रदय की अनूठी भाषा हिन्दी मौन की सच्ची परिभाषा हिन्दी फेसबुक […]

हिंदी मेरी मातृभाषा , हिंदी मेरी जान ! हिंदी के हम कर्मयोगी , हिंदी मेरी पहचान , हिंदी मेरी जन्मभूमि , हिंदी हमारी मान , हम हिंदी कि सेवा करते है , हम जान उसी पे लुटाते है ! हिंदी हमारी मातृभाषा , हिंदी हमारी जान ! है वतन हम […]

हिन्दी मेरा परिचय हैं हिन्दी मेरा शब्दालय हैं । मुझको रखती चैतन्य हिन्दी गंगा-हिमालय हैं । हिन्दी मेरा विद्यालय हैं हिन्दी मेरा पुस्तकालय हैं । पारस – मोती जैसे शब्द हिन्दी मेरा देवालय हैं ।। हिन्दी में हीं माँ सुना हैं हिन्दी बचपन का झूला हैं । जीवन का ऊर्जावान […]

यह सर्वमान्य तथ्य है कि यदि हमें अपनी भाषाओं का प्रचार – प्रसार करना है तो भाषा के साथ-साथ इनकी लिपियों को बचाए रखना भी अत्यंत आवश्यक है। लेकिन पिछले कई वर्षों में यह देखने में आ रहा है कि हिंदी ही नहीं अन्य ऐसी भाषाएं जो देवनागरी में लिखी […]

जनपद न्यायाधीश अशोक चौधरी साहब ने काव्यपाठ कर दिया आशीष साहित्य संगम संस्थान झारखंड उद्घाटन समारोह के अवसर पर योग विद्यापीठ के पूर्व कुलपति, डीएवी मैनेजिंग कमेटी के पूर्व निदेशक, डीवीएम सोसाइटी के संस्थापक विशिष्ट अतिथि डॉ वाचस्पति कुलवंत साहब ने साहित्यिकारों को संबोधित करते हुए कहा कि कवि कभी […]

इंदौर। हिन्दी महोत्सव 2020 के अंतर्गत मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा हिन्दी दिवस मनाया गया। इसमें मध्य प्रदेश शासन में संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर द्वारा संस्मय प्रकाशन से प्रकाशित पुस्तक ‘स्त्रीत्व’ का विमोचन किया गया। यह पुस्तक नारी विषय पर है। इसमें सम्मिलित सभी रचनाएँ मातृशक्ति द्वारा लिखी एवं मातृशक्ति […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।