“चीर करके बादलों के व्यूह को, भानु मुस्काता हुआ फिर आ रहा। हाथ में लेकर कलम – दावात को, अवध जग का दर्द निर्भय गा रहा।।” साहित्य के व्यापक सिंधु में भावनाओं के विशुद्ध गंगाजल से अंजलि भर-भर हमारे कुल का एक कलमकार लेखनी से आचमन कर रहा है। उसे […]

कुछ स्वप्न थे मेरे धुंधलेे से कुछ चाहत मेरी उजली थी कोई आहट थी धीमी सी उनके लिए मै पगली सी थी। कुछ मन में भाव अजीब से थे दिल में मिलने कुछ चाहत थी न मै मिल सकी न तुम मिल सके दोनों के दिल में घबराहट थी कुछ […]

कुछ मेरी भी सुनो हे विधाता तुमने बनाया मुझे अन्नदाता कड़ी मेहनत से करता हूं खेती शरीर पर मेरे सिर्फ लँगोटी महंगा हो गया फ़सल उगाना फ़सल का मोल बहुत पुराना पशुतर हालत, रोटी के लाले खुशियों पर मेरी लगे है ताले फ़सल की कीमत मिलती नही जिंदगी चैन से […]

है प्यार बहुत देश हमारा हिन्दुतान। है संस्कृति इसकी सबसे निराली है। कितनी जाती धर्म के, लोग रहते यहाँ पर। सब को स्वत्रंता पूरी है, संविधान के अनुसार।। कितना प्यार देश है हमारा हिंदुस्तान। इसकी रक्षा करनी है आगे तुम सबको।। कितने बलिदानों के बाद मिली है आज़ादी। कितने वीर […]

ब्रह्म कमल से ऊपजे,प्रजापति महाराज। चार वरण शोभित किया,करता नमन समाज।। जय जय दक्ष प्रजापति राजा। जग हित में करते तुम काजा। वेद यज्ञ के तुम रखवारे। कारज तुमने सबके सारे।।2 दया धरम का पाठ पढाया। जीवन जीनाआप सिखाया।3 प्र से प्रथम जा से जय माना। अति पावन है हमने […]

मैं होकर निराश एक दिन पहुँच गया जिंदा ही शमशान घाट मैंने देखा – मुर्दे को जलते चिता पर चिता से निकलते धुँए को एक मानवीय देह को धीरे-धीरे राख में परिवर्तित होते हुए… जाति भेद, ऊँच नीच छोटा-बड़ा, अमीर-गरीब पद-प्रतिष्ठा सब कुछ खत्म वाकी बची एक मुट्ठी राख वो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।