जो नही चाहते कि वह पैदा हो उनका भी वह भला चाहती रही अपनी परवाह न करके कभी वह परिवार पर जान लुटाती रही मां के काम मे हाथ बंटाना बचपन मे भाई से मार खाना बेटी है इस कारण सहती रही फिर विवाह के पायदान पर पराया हो गया […]
Uncategorized
दशरथ कवि मसानिया, आगर करते वास। लेखन की अद्भुत कला,दृष्टि जिनके पास।।1 सन छाछठ का जनम है,त्रिभाषा को ज्ञान। हिन्दी शोध प्रबंध लिखा,डाॅक्टर की पहिचान।।2 बैजनाथ महिमा रची,लिखते भाषा सूत्र। जटिल प्रणाली की सरल,बच्चों के बन मित्र।।3 बेटी चिरैया उड़ रहि,बेटी मोर विशेष। बेटी शंख बजा रही, जीवन का संदेश।।4 […]
