गुरु जी मेरे नमन आपको, अर्पित करूं सुमन आपको। हमको पढ़ना लिखना सिखाकर, सन्मार्ग पर चलना सिखलाया। गुरु द्रोणाचार्य बन आपने, अर्जुन को उसका लक्ष्य दिखाया। जीवन की भूल भुलैया में, सही पथ चुनना सिखलाया। आसमान की बुलंदियों पर, हौसलों से उड़ना सिखलाया। दीपक बनकर गुरु जी आपने, अंधेरों से […]

ये भौजी तुम कितनी सुंदर और नोनी हो। और तुमसे ज्यादा सुंदर तुमरी बहानिया है। देखकर हमरे नैना हटताई नहि हैं। और धक धक करात हमरो जो दिल है।। ये भौजी तुम कितनी सुंदर हो….।। जबाऊ से तुमरो व्याओ भाऊ है भैया से भौजी। तभाऊ से हमरो भी दिल तुमरी […]

उत्तर पदेश राज्य के चंदौली जिले के मैढ़ी नामक गाँव में 15 जनवरी 1974 ईसवी में जन्में एक नन्हा शिशु अवधेश एक दिन सशक्त और सिद्ध कलमकार के रूप में साहित्य जगत में डॉ. अवधेश कुमार “अवध” के नाम से प्रतिष्ठित हो जाएँगे, ऐसा शायद ही कोई सोचा होगा लेकिन […]

चमक रहा था आसमान में, रात अंधेरी वो बरसात में । एक बच्चे की जो पड़ी नज़र, पकड़ लिया उसको जाकर । चमक दार कीड़ा था वो, झम,झम जलता था वो । कीड़ा बोला उस बच्चे से, मैं जुगनूं हूँ मुझे छोड़ दो। चमक मेरी दिन में न रहती, उजाले […]

इंदौर। कोरोना संक्रमण काल के दौरान लगे लॉक डाउन में मातृभाषा.कॉम से जुड़े रचनाकारों द्वारा किए उत्कृष्ट सृजन को संस्मय प्रकाशन द्वारा पुस्तकबद्ध किया गया, इस पुस्तक का विमोचन साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश शासन के निदेशक डॉ. विकास दवे द्वारा किया गया। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अर्पण जैन […]

भारत की साहित्यिक निस्वार्थ राष्ट्रीय संस्था “राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान” का बिहार इकाई का उद्घाटन समारोह मे संस्था के सभी सम्मानित पराधिकारी उपस्थित होकर चार चांद लगा दिए ! जिसमें बिहार इकाई की अध्यक्ष बबिता सिंह जी के द्वारा पूरी व्यव्स्था किया तथा उद्घाटन राष्ट्रीय अध्यक्ष/संस्थापक नवलपाल प्रभाकर ‘दिनकर’ जी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।