न गम है अब मेरे साथ, न खुशी है अब मेरे साथ। जो भी थे मेरे साथ तब, जब में खिलता गुलाब था।। समय ने क्या से क्या, हमें बना दिया आज। जब वो नहीं है मेरे साथ, सिर्फ यादे ही है उनकी। जिन के सहारे जीता, चला जा रहा […]
सांसों का कोई नाम ना था इश्क ने तेरा नाम हर साँस में गूंथ दिया टूट से गये कई शिकवे- शिकायते मिट से गये सारे फासले शिशिर बन करके जो आए उपवन में मेरे छा गई बहारें अलसाये से उपवन में महक से गए सारे रास्ते तितलियों का फूलों पर […]
न दिल भरता है न प्रभु मिलता है। बस चारो तरफ अफरातफरी का माहौल है।। न प्रश्न बचे है न उत्तर मिले है। प्रश्नों पर प्रश्न ही लोगो ने खड़े किये है।। न समानता पहली थी और न आज है। पर बाते समानता की हमेशा होती है।। पर समानता आज […]
बिहार चुनाव अंतिम दौर में हैं लाडाउन के बाद हो रहे इस चुनाव में मोदी लहर की फिजा तो बह ही रही है लेकिन एम वाई समीकरण की परंपरागत आरजेडी भी अच्छा करती नजर आ रही है।वैसे माना जाय तो लोक जनशक्ति पार्टी और विभिन्न तरह के एलाइन्स पार्टी भी […]
‘‘इतने रूपये में कोई मोबाइल नहीं आता…….’’ । मित्र के चेहरे पर नाराजगी के भाव आ गये थे । ‘‘देखो सेठ जी यह रखे तो दो सौ रूपये है और मांग रहा है एनराइड मोबाइल……’’ । दुकान के कर्मचारी की आवाज में तिरस्कार था । ‘‘मेरे पास तो इतने ही […]
संसार है एक धर्मशाला यहां आते जाते है लोग कोई सदा नही रहा यहां नही रहा सदा एक का जोर परमात्मा की कठपुतली है सब जब जैसे चाहे वैसे नचाये याद परमात्मा रहा जिसे वही रहा परमात्म सिरमौर कमाई दौलत यही रह जाती सिर्फ कर्म से बंधी है भाग्य डोर […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।