रदीफ़ – पर्दा काफ़िया- अर 1212 1122 1212 22 पड़ा हुआ था ये कबसे सनम इधर पर्दा उड़ा गयी है हवा आज ये किधर पर्दा। तेरा मयार नमूदार हो न जाये कहीं बना ले अपनी हया के लिये नज़र पर्दा। है इब्तिदा ये मुहब्बत की फूल की तरहा छिपा-छिपा सा […]

यह एक बड़ा सवाल है क्योंकि राजनीति एक ऐसा प्लेटफार्म है जिस पर खड़ा प्रत्येक राजनेता अपने चतुर और तेज दिमाग के दम पर ही अपनी पहचान स्थापित कर पाता है जोकि एक अडिग सत्य है। क्योंकि कोई भी सियासी पार्टी तभी सियासत की दुनिया में तेजी के साथ आगे […]

पिता संसार में अनमोल है रखते हम सबका ख्याल दिखावे को वे गुस्सा करे दिल से करते हमको प्यार पिता एक नही दो है हमारे लौकिक पिता से जन्म के रिश्ते पारलौकिक से आत्मा के रिश्ते लौकिक पिता का सम्मान करो पारलौकिक पिता को याद करो जिसने पिता को याद […]

हिंदी गद्य साहित्य का जब भी नाम लिया जाता है तो प्रमुख रूप से प्रेमचंद का नाम अवश्य आता है । युगप्रवर्तक साहित्यकार प्रेमचंद पर बहुत कुछ लिखा गया है और लिखा भी जा रहा है, इस बीच डॉ दशरथ मसानिया ने प्रेमचंद पर चालीसा लिख कर उन्हें एक सच्ची […]

भारत की साहित्यिक राष्ट्रीय संस्था राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान का पश्चिम बंगाल ईकाई का उद्घाटन समारोह में संस्था के सभी सम्मानित पदाधिकारी उपस्थित हुए जिसमें राष्ट्रीय महासचिव रुपेश कुमार जी के द्वारा पूरी व्यवस्था की गई तथा उद्घाटन राष्ट्रीय अध्यक्ष सह संस्थापक नवलपाल प्रभाकर ‘दिनकर’ जी के कर कमलों द्वारा […]

हम भारतीयों की किस्मत में ही शायद सही – सलामत यात्रा का योग ही नहीं लिखा है । किसी सफर में सब कुछ सामान्य नजर आए तो हैरानी होती है । कोरोना काल में उत्तर प्रदेश की मेरी वापसी यात्रा का अनुभव कुछ ऐसा ही रहा । कई मामलों में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।