रदीफ़ – पर्दा काफ़िया- अर 1212 1122 1212 22 पड़ा हुआ था ये कबसे सनम इधर पर्दा उड़ा गयी है हवा आज ये किधर पर्दा। तेरा मयार नमूदार हो न जाये कहीं बना ले अपनी हया के लिये नज़र पर्दा। है इब्तिदा ये मुहब्बत की फूल की तरहा छिपा-छिपा सा […]
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भारत की साहित्यिक राष्ट्रीय संस्था राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान का पश्चिम बंगाल ईकाई का उद्घाटन समारोह में संस्था के सभी सम्मानित पदाधिकारी उपस्थित हुए जिसमें राष्ट्रीय महासचिव रुपेश कुमार जी के द्वारा पूरी व्यवस्था की गई तथा उद्घाटन राष्ट्रीय अध्यक्ष सह संस्थापक नवलपाल प्रभाकर ‘दिनकर’ जी के कर कमलों द्वारा […]
