चिंतन करे जो परमात्मा का पूर्ण होते उसके सब काज स्वयं को जो निमित्त समझे सफल हो उसका हर आज कर्ता केवल एक परमात्मा पर नाम हमारा हो जाता है वह जाने और उसकी लीला पर श्रेय हमको मिल जाता है परमात्मा से खुशिया मिलती जीवन सफल हो जाता है […]

दक्षिण सिनेमा में तेलगू, मलयालम, कन्नड़ भाषी फिल्में होती है, इत्र अपनी महक देगा ही देगा वेसे ही दक्षिण भारतीय फिल्मों ने न केवल देश मे विदेशों तक अपनी साख बना ली है, बाहुबली ने चाइना में 2000 करोड़ का व्यापार किया था, बाहूबली, रोबोट, अपरिचित जैसी फिल्मों ने न […]

हिमगिरि के उत्तुंग शिखर पर स्थित केंद्रीय विद्यालय टेंगा वैली, अरुणाचल के सम्मुख खोला कैम्प और शींगचुंग नामक बुगुन बाहुल्य गांव है । सभ्य, सुशिक्षित एवं मिलनसार प्रवृति की बुगुन जनजाति का पुराना नाम खोवा है। प्रकृति पुजारी बुगुन जन नया फसल तैयार होने पर क्ष्यत्सोई, फम्खों और डिंग्खों नामक […]

सदाचरण पथ को अपनाओ विकार मुक्त स्वयं बन जाओ मन मे क्लेश कभी कोई न रहे असीम शांति का सुख पाओ हमेशा मनमाफिक होती नही हर बात बस मे होती नही ईश्वरीय लीला है, मानकर चलो स्वयं को निमित्त समझकर चलो सारे कष्ट दूर हों जायेगे तुम्हारे गैर भी अपने […]

राष्ट्रीय आँचलिक साहित्य संस्थान बिहार की अध्यक्षा के मंच संचालन में गीत गजल के कार्यक्रम का सुसंस्कृत ढंग से आयोजन किया गया जिसमें कई राज्य के गीतकारों और ग़ज़ल कारो ने भाग लिया । कार्यक्रम की शुरुआत जयपुर के सुरेंद्र कुमार शर्मा जी की वाणी वंदना से हुई। स्नेह शब्द […]

गत वर्ष अगस्त महीने में फरीदाबाद, हरियाणा के डीसीपी विक्रम कपूर ने मातहत इन्स्पेक्टर के ब्लैकमेल से तंग आकर सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली थी| पुलिस ने खुंदक में एक स्थानीय अख़बार के संपादक का नाम भी एफ़आईआर में शामिल करा दिया| आरोपी की तलाश में पुलिस […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।