आधुनिक समाज एकल परिवार में लीप्त हो एक गहरी खाई की तरफ जाती हुई प्रतीत हो रही है।आज की सामाजिक ताना बाना सिमटती जा रही है लोग सिमट कर अपने आप के लिए ही रह रहे हैं जबकि पहले का परिदृश्य कुछ और था।एक सामाजिक सौहार्द जो अब बिखरे लगा […]

शिक्षा मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक ने आज घोषणा की है कि उनका मंत्रालय उच्च शिक्षा में भारतीय भाषा के माध्यम को लाने की कोशिश करेगा। बच्चों की शिक्षा भारतीय भाषाओं या मातृभाषाओं के माध्यम से हो, यह तो नई शिक्षा-नीति में कहा गया है और कोठारी आयोग की रपट […]

कुछ ऐसा करो जीवन मे दुनिया आपको याद करे आपके पदचिन्हों पर चलने की समाज से वह फरियाद करे जो आकर पहले से आपके कुछ अच्छा काम कर गए है वे दुनिया मे अपना नाम सदा के लिए अमर कर गए है चाल,चरित्र,चेहरा हमारा स्वच्छ दर्पण सा दिखता रहे परमात्म […]

नये वर्ष में, नया सूर्य है नई भोर में, नई किरण है नियति चक्र जो घूम रहा है साथ-साथ चले जन्म-मरण है प्रकृति बजाये मृदु वीणा तान मिले हर जन को उचित सम्मान विकास के खुलें नवीन द्वार कर्मशील करे सफलता का पान सबका श्रम हो जाये सिद्ध दृढ मजबूत […]

शांत मन रहे शांत तन रहे शांति बने जीवन आधार अशांति कही धरा पर न हो शांति बने सुख का आधार शांति गुणों की खान है प्यारे गैरो को यह अपना बनाती शांति स्वधर्म की शान है प्यारे शांति जीवन मे सम्मान दिलाती शांतिभाव में रहना सीखो निर्विकार रूप में […]

पिता एक वटवृक्ष है जिसकी छाया तले पोषित होती हैं कई जिंदगियां चढ़ती हैं कई बेले -लताएं उसके विशालता का आलिंगन करने के लिए । पिता एक आच्छादित उपवन है जहां पर मंडराती हैं कई तितलियां -भवरे बसाता है कई सारे बाग बगीचों को । पिता एक बागवान हैं हैं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।