छब्बीस जनवरी को फिर से मनाया जाएगा गणतन्त्र दिवस। ठीक वैसे ही जैसे पाँच महीने पहले मनाया गया था स्वाधीनता दिवस। ये दोनों हमारे जन्म से बहुत पहले से मनाए जा रहे हैं। शायद आप भी न जन्में हों या नन्हें-मुन्ने रहे हों। सच की दस्तक भी नहीं जन्मा था। […]

भक्ति जब पूरी हो जाती तभी मिलता ज्ञान भंडार ईश्वरीय योग लगाते रहो मिल जाएगा जीवन सार शुमकामना दोगे किसी को मन का मैल मिट जाएगा हर किसी का भला होगा सदभाव भी बढ़ जाएगा परमात्मा को साथी बनाने से मंजिल सारी मिल जाएगी धर्मपरायण जीवन बनेगा सुगम जीवन हो […]

सौम्य, शालीन और हिंदी के प्रति समर्पित और निष्ठावान् विदुषी केंद्रीय हिंदी संस्थान की पूर्व हिंदी प्रोफ़ेसर प्रो.वशिनी शर्मा का हृदय गति रुक जाने से आज शनिवार को आगरा में देहांत हो गया.वशिनी जी का जन्म कर्नाटक के (हल्लीखेड) नामक स्थान पर सन् 1944 में हुआ था. उनका कार्यक्षेत्र अध्यापन […]

चुभती है मेरे कानों में खामोशी तेरी हरदम, कुछ तो मरहम लगा दो अपनी बातों से हमदम आहत है दिल मेरा तेरी इस खामोशी के जुल्म से हर रोज बात कर लिया करो नहीं तो बताओ—– कौन तुम्हें ज्यादा बेहतर समझेगा मुझसे अल्फ़ाज़ महकाओ कुछ इस तरह कि, जैसे गुल […]

छुटकी को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा था । उसे उधार खरीदकर लाई गई सस्ती लाल साड़ी पहना दी गई थी, जो लोग, मिहिलाल के लिए कफन लेकर आये थे वे ही साथ में लाल साड़ी भी ले आये थे और लाल चूड़ियां भीं । हाथों में चूड़ियां और […]

या रब मेरे तेरा उपकार हो खुशियों भरा ये संसार हो आ गया नया वर्ष उमंगे लिए कोई बेबस न कोई लाचार हो इंसान हो इंसानियत तो रखो भाई चारा बढ़े और प्यार हो आमदानी की अब राहें खुले कोई युवा न अब बेरोजगार हो लड़ाई सब झड़गे अच्छे नहीं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।