खोयी हुई आत्मा टटोल रही है मर्म खाली पड़ी हुई कविता के जिस्म में जाने हेतु जहाँ पर श्रृंगार, वीर ,करुणा तमाम रस आतुर हो यमक,श्लेष,अलंकार से मिलने के लिए। इन सबसे तैयार कविता निकली हो, किसी हिम,समुद्र की गहराइयों में गोते लगाने हेतु किसी प्रेमिका की नथनी बन तो […]

सारे देश को जो अन्य देता खुद लेकिन भूखा सोता। फिर भी किसी से कुछ कभी नहीं वो कहता। क्या हालत कर दी उनकी देश की सरकार ने। कठ पुतली सरकार बन बैठी देश के पूंजीपतियों की। तभी उसे समझ न आ रही तकलीफे खेतिहर किसानो की।। सारे देश को […]

“लोक मंगल परंपरा रिवाजों का परिचय कराती है क्षेत्रीय बोलियां” नीर नवीन कुमार भट्ट नीर :- साहित्य संगम संस्थान दिल्ली द्वारा प्रत्येक माह के प्रथम रविवार को आयोजित बोली संवर्धन ऑनलाइन वीडियो कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाता है जिसमें विभिन्न प्रांतों के क्षेत्रीय भाषा पर काव्यमयी प्रस्तुति के लिए […]

‘‘अब और पैदल नहीं चला जा रहा है माॅ’’ राजू ने जैसे ही अपनी लड़खड़ाती जवान से बोला सरिता के चलते हुए कदम ठिठक गए । इसके पहिले भी राजू उससे दो तीन बार बोल चुका था कि वह थक गया है और उससे चला भी नहीं जा रहा है […]

सबके भले की बात करे आओ ऐसा पुरुषार्थ करे कोई दुःखी न रहे जग में ऐसी ईश्वर से आस करे खुद को व्यर्थ से दूर करे सद्चिन्तन हमेशा करे बसे रहे प्रभु सदा मन में ऐसा नियमित ध्यान करे हम बदलेगे जग बदलेगा जीवन का लक्ष्य सुधरेगा चरित्र निर्माण अपना […]

दिल में दहक रहे अंगारे, आँखों में गुस्से की ज्वाला है। आ जाए जो नारी खुद पर, कौन उसको रोकने वाला है? मान मर्यादा की ख़ातिर, पी जाए विष का प्याला है। हर रिश्ते में बंध जाए नारी, पहने बंधन की माला है। जिस घर में पूजी जाए नारी, उस […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।