सद्कर्मो से भाग्य है बनता सत्पुरुष सद्कर्मों से जन्मता अहंकार पलभर में मिटता इंसानियत का उदय हो जाता सद्कर्मो से हीे मिटते है विकर्म इसी से बन जाता पावन मन सद्कर्म ही है परमार्थ का पथ इसपर चलने से बनते समर्थ छोड़ दो जीवन के सब व्यर्थ स्वयं पा जाओगे […]

कभी गमो का साया भी नहीं पड़े तुम पर। खुशी की गीत गाओ उदासियों की महफ़िल में। बहुत सुकून मिलेगा मायूसो के चेहरे पर। महफ़िल में रोनक आ जायेगी तुम्हारे गीतों को सुनकर।। मिले गमो का साया भी, उसको भी गीत बना लेंगे। तेरी जुल्फों की साया में हम सारी […]

जो समय के साथ नही चले उनके छूट जाते है काज जो सोचते वर्षो वर्ष की सोचा पूरा नही होता आज है सब यह ईश्वरीय लीला हम तो है उसके खिलौना जितनी चाबी भरी है उसने उतना ही चलता यह खिलौना जो चाहता वही कराता हमसे वही संवारता कल और […]

चाटूकार नहीं हम कलमकार हैं कलम के प्रति हम वफ़ादार हैं सच लिखने का हमने जज्बा रखा कवि शायर ही नहीं जिम्म्मेदार हैं दिखावा जरा भी फितरत में नहीं लिखेंगे वही जो भी असरदार है जरूरी तो नहीं मंच पर ही मिलेंगे जज़्बात पढ़ लो खुला अखबार है खोल कर […]

आगरा | विश्वशांति मानव सेवा समिति की द्वितीय वर्षगांठ पर सम्मान समारोह का आयोजन संजय पैलेस स्थित यूथ हॉस्टल में हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मेयर नवीन जैन रहे। विशिष्ट अतिथि डॉ जे एस बिंद, धर्मेंद्र लोधी, लेखराज सिंह, राजेंद्र सिंह अनिल जैन आदि रहे। इस अवसर पर समस्त अतिथियों […]

सुनता हूँ जवानो की गाथा आज आँसुओं को भरके। गोलिया खाते है सीने पर घायल दिल होता है। चोट खाकर भी जवान हँसता मुकरता रहता है। खाई है जो कसम इन्होंने देश पर मर मिटने की।। आंच आने नहीं देंगे देश की शान पर। गोलियाँ खायेंगे मर जायेंगे पर दुश्मनो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।