शब्दो को कहने का अलग अलग अर्थ होता है। शब्दो को जोड़ने से ही शब्द का संसार बनता है। इसलिए हर शब्दो पर खुदको न मेहसूस करें। शब्दाबलि को शब्दो तक ही क्यों न सीमित रखे।। शब्दो के भावों से लोग अलग-2 अर्थ निकलते है। कुछ उसे अपने पर लागू […]

हिसार | कोरोना महामारी के संकट दौर के चलते लगभग एक वर्ष बाद समग्र सेवा संस्थान, सिरसा द्वारा श्री युवक साहित्य सदन, सिरसा में 28 फ़रवरी 2021 को आयोजित साहित्य विमर्श कार्यक्रम में चौदह पुस्तकों का लोकार्पण, चर्चा-परिचर्चा, समीक्षा प्रस्तुति, मान-सम्मान, गीत-संगीत आदि का आयोजन किया गया। समारोह के मुख्य […]

हाथ पर हाथ रखकर बैठना यह आलस्य की निशानी है क्यो समय जाया करते हो यह जिंदगी बड़े काम की है समय नही खाली बैठने का हर क्षण का उपयोग करो सद्कर्मों का यज्ञ रचकर नवनिर्माण की शुरुआत करो सांसे सीमित है काम बहुत है यह ध्यान हमेशा रखना है […]

जोड़ जोड़कर तिनका, पहुंचे है यहां तक। अब में कैसे खर्च करे, बिना बजह के हम। जहां पड़े जरूरत, करो दबाकर तुम खर्च। जोड़ जोडक़र ……। रहता हूँ मैं खिलाप, फिजूल खर्च के प्रति। पर कभी न में हारता, मेहनत करने से । और न ही में हटता, अपने फर्ज […]

ःःमुझसे शादी करोगी ’’ एक दम सपाट प्रश्न था जिसकी उम्मीद किसी को नहीं होती मुझे तो बिल्कुल भी नहीं थी क्योंकि मेरा उसस कोई ऐसा सम्पर्क या सम्बन्ध भी नहीं था । हल्का-फुल्का हलो हाय ही होता था । यह भी बहुत दिनों बाद शुरू हुआ था । कालेज […]

गाँव की औरतें घड़े को सिर पर उठाकर, हँसते हुए – घर में हँसी – ठिठोली करते हुए, अगर थोड़ा भी पास से, उनका कुआं हो सकता है पाने के लिए संघर्ष कर रहा है पास भी नल अगर होशपूर्वक नहीं कितनी बार से कुआं बाद लौटा पानी भरना,। कितना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।