मिले सभी को सम्मान ऐसा आचरण कीजिए न रहे कोई अभिमान ऐसा स्वमान लीजिये हो परमात्मा से प्यार ऐसा गुणगान कीजिये हो सबका कल्याण ऐसी दुआये दीजिये गैर भी अपने हो जाय ऐसा व्यवहार कीजिये परमात्म याद बनी रहे ऐसा राजयोग कीजिए।#श्रीगोपाल नारसन Post Views: 30

नारनौल। नागरी लिपि विश्व की सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक लिपि तो है ही, यह विभिन्न भाषाओं को भी आपस में जोड़ती है। यह कहना है नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान, काठमांडू के कुलपति गंगाप्रसाद उप्रेती का। मनुमुक्त ‘मानव’ मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा गत शाम आयोजित ‘अंतरराष्ट्रीय ई- नागरी लिपि सम्मेलन’ में बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने […]

खान मनजीत भावड़िया मजीद मेहनती और हौसलामंद नौजवान के तौर पर उर्दू और हिंदी साहित्य में जाने जाते हैं। खान मनजीत ने इससे पहले भी दो किताबें हिंदी में लिखी है। जिनको पढ़कर इसकी सोच और लगन के बारे में बखूबी पता चल जाता है । खान मनजीत तिसरी कोशिश […]

तुम्हें कैसे रंग लगाएं, और कैसे होली मनाएं ? दिल कहता है होली, एक-दूजे के दिलों में खेलो क्योंकि बहार का रंग तो, पानी से धुल जाता है पर दिल का रंग दिल पर, सदा के लिए चढ़ा जाता है॥ प्रेम-मोहब्बत से भरा, ये रंगों का त्यौहार है। जिसमें राधा […]

इमरत और सुखिया ने गमछे के ऊपर रखी दो रोटियों को आधा आधा कर मही में गीला कर के खा लिया था और वे अपनी झोपड़ी में लेट गए थे । दोपहरी सिर पर चढ़ चुकी थी । इमरत तो रोज सुबह जल्दी ही घर से खेत पर आ जाता […]

जब खाँसी बहुत सताए, बलगम भी बहुत जब आए। आजा प्यारे पास हमारे, तू काहे घबराए,काहे घबराए…. बुखार जब ना जाए, कमजोरी भी सताए। मुँह से खून जब आए, और दिल जब घबराए। सुन सुन सुन अरे प्यारे सुन, टी बी है सबकी दुश्मन । इससे बचने का है एक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।