कौशल कुमार पाण्डेय ‘आस’ (विधा- वीर छंद,मात्राभार- कुल 31,यति 16/15 ______________________________ रक्षक ही भक्षक बन करके, लूट रहे हैं देखो जान। बने भेड़िए घात लगाए, करते भारत का अपमान।। शर्म करे दरबार देश का, रखे न अपनी आँखें मींच। […]
वैकुन्ठ नाथ गुप्त ‘अरविन्द’ कृष्ण में प्रीति ऐसी अचर हो गई। सूर की साधना भी प्रखर हो गई। आगरा से जो मथुरा को जाती सड़क। रुनकता की ओ माटी अमर हो गई। सूर तो सूर्य हैं ,शत नमन कीजिए। उनके पथ पै सदा अनुगमन कीजिए। कृष्ण लीला के अंधे चितेरे […]
जन-जन से भू पर अपने मैं प्यार कर रही हूँ । बढ़ती ही जा रही हूँ बिन फायदे के मैं तो, हारे-थके हर-इक का उद्धार कर रही हूँ। करते हैं लोग गन्दा, मेरी सहन तो देखो, हर कष्ट झेलकर मैं व्यापार कर रही हूँ। भू के असुर अब मेरा उपभोग […]
जीवन से नदारद—–प्यार हो गया। आदमी का तामसी व्यवहार हो गया।। जिसे भी देखो —–बस भाग रहा है। धन-दौलत ही जीवन — सार हो गया।। गायब हो गई है —-बाज़ारों की रौनक। ऑनलाईन सारा —-व्यापार हो गया।। माँ-बाप को अनाथालय में छोड़ कर। वो कहता है —घर गुलज़ार हो गया।। […]
चलता रहा, बड़ा हो गया अपने पैरों पर, खड़ा हो गया। शहर दर शहर, घूमता रहा अनुभवों को लिए, चढ़ता रहा। दुनिया भर में, बढ़ता गया शिखर कई, चढ़ता गया। सफलताएं, चरण चूमती रहीं नाम से, आकाश पट गया। कहीं भरोसा, नहीं होता कुछ कमी-सी, लगती है। आँख के कोरों […]
नए ड्रेस में इठलाती, वो सुन्दर नन्हीं-सी लड़कीl चौराहे पर झूमती गाती, भाग-भागकर चलती लड़कीl छोटा फ्रॉक पहनती, लड़कों के संग खेलती लड़कीl भाई-बहनों से झगड़ती, लड़ाकी चतुर सयानी लड़कीl चंचल नटनी-सी लगती, मटक-मटककर चलती लड़कीl पेड़ों से आम चुराती, बेपरवाह-सी घूमती लड़कीl दो चोटी में स्कूल जाती, नदी पहाड़ […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।