असुरों की टोली ने फ़िर से, कर डाला है भीषण निनाद.. इस देवभूमि पर दानवदल, फैला बैठा जाला-जिहाद। मानव चेतना अचेत पड़ी, क्या फूट गई हिय की आँखें ? लगता है जैसे खण्ड-खण्ड.. धर्मों की बटी हुईं शाखें। सो गए आज क्या परशुराम, खो गए कहाँ पर मेघश्याम.. धर्मों के […]

माँ तेरे आँचल में वो क्या जादू है, धूप में छाया ये कैसे देता है। ठण्ड से जब भी हुआ वेकाबू मैं, गर्मी ये मखमल-सी कैसे देता है। जी करता है लिपटकर जानूं तो, खुशबू ये आँचल की कैसे देता है। माँ तेरा आँचल है कल्प वृक्ष-सा, शीतल हवा,वो छाँव […]

अपनों को भुलाना,,, बड़ा मुश्किल है दिल से गम मिटाना।l कि जब सब लोग मारेंगे मुझे तो,,, सनम तुम भी जरा पत्थर उठाना।। उतर जाऊं सभी की मैं नज़र से,,, गिराना तो मुझे इतना गिराना।। भुला दूं सब गमों को आज साकी,,, मुझे तू आज जी भर के पिलाना।। मुहब्बत […]

हम परिंदे हैं गगन के , जो मिल गया आसरा किसी  दरख़्त की शाख का , तो उसे ही अपना समझकर ठहर जाते हैं घड़ी दो घड़ी l मिल जाए गर ओट पत्तों की तो बुन लेते हैं आशियाना , चुनकर अरमानों के तिनके । बेदर्द हवा को ज़रा भी […]

प्रदूषण पर्यावरण मौसम की तरह बदलते रहते हैं, ठंड गर्मी में जो प्रदूषण फैलता है.. बरसात में सब पानी गिरने से बह जाता है। हाँ,सरकार विपक्ष के सारे नेता मंत्री सभी चिल्लाते हैं, प्रदूषण पर्यावरण का हो-हल्ला मचाते हैं। वृक्षारोपण का जोर-शोर से अभियान चलाते हैं। लाखों रुपयों के पेड़ […]

(विश्व पर्यावरण दिवस पर) प्रकृति के खेल को कौन समझ पाया है, आनन्द तो सभी लेते,रक्षा कौन कर पाता है। उत्तराखंड के प्रहर ने कितनों को रुलाया है, पहाड़,जंगल काटकर रास्ता सभी ने बनाया है। बंद करो प्रकृति की सुंदरता को मिटाना, मिलकर सभी को यही कसम है खाना। प्रकृति […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।