शत्रुता का नाश हो,प्रेम का आगाज़ हो, गर्व चकनाचूर हो, ममता निहाल हो। मिला आज मौका है, माफी के मुकाम का, चूकने न देंगें हम,माफी आज लेंगें हम। यह शुद्धता की भावना,है मंगल कामना, पर्व  ये  महान है, धर्म  का  वितान है। क्षमापना मनाएंगे, शत्रुता मिटाएंगे, दीप एक जल गया […]

काली-काली घटाएँ, झूमकर यूँ लहरा गईं ज्यों तेरी नागिन-सी लहराती बलखाती जुल्फ औ’ अलक आसमां के दामन से, बूंदन का टपकना ज्यों काली कजरारी अँखियन से अँसूअन से मोती घन गर्जन बीच दामिनी चमके ज्यूं रक्तिम अधर बीच मोतियन की पांत॥                   […]

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मनहरण घनाक्षरी…… उस नेता को भुला के नेता सभी कहते हैं, कैसे याद करुं उसे,हमें भी तो सोना था। भारती करे विलाप, शहीदों की लाश पर, मंत्रियों की लाश बिछे, उस पे क्या रोना था॥ सोई जनता के स्वाभिमान को जगाता गया, देशभक्त एक-एक सुभाष-सा होना था। युद्ध अपराधी जिसे […]

हरिगीतिका छंद…. अवधेश  आत्म  विराज  के, मन को सदा रख धाम-सा। जड़  को  सजीव  बनाय के, चलना  सही  पथ राम-सा। उर  में  अलौकिक  भाव  हो, जिससे  बनूँ  हनुमान-सा। जग  में   निरंतर   गूँजता, प्रभु नाम ही  प्रतिमान-सा॥                         […]

कुछ रंग मेरी तस्वीर में, जो तुमने भरे थे सिर्फ वही तो मेरे, जीवन के सिले थे। कभी आसमानी कभी बादल के घनघोर किले, कभी तारों की टिम-टिम से, करते इन नैनों की भौर तले..॥ कहीं हम-तुम संग चले थे, कुछ रंग मेरी तस्वीर में जो तुमने भरे थे…। कभी […]

प्रो. देविदास प्रभु….. बेंगलुरु में जो हिन्दी का विरोध हुआ है,उसका कारण अंग्रेजी पंडितों द्वारा किया जा रहा झूठा प्रचार हैl अंग्रेजी पंडित कहते हैं-`हिन्द राष्ट्र भाषा नहीं है,२२ राजभाषाओं में से एक है,संविधान ने सभी भाषाओं को बराबर का दर्जा दिया है,मगर संविधान के विरुद्ध एक भाषा हिन्दी को […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।