पन्द्रह जून को सदा, शाला उत्सव जान। माथे तिलक लगाइए,शारद का हो गान॥ पुस्तक दीजे हाथ में,खीर-पूरी भी साथ। गुरु-शिष्य मिल बांचिए,ले के पुस्तक हाथ॥ मास जुलाई लागते,गणवेशा सिलवाय। काम पूरा कीजिए, कहते हैं  कविराय॥ मास अगस्ता मध्य में,लो झंडा फहराय। खीर-पूरी का भोज दे,सभी पेट भर खाय॥ सितंबरा में […]

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मैं हूँ एक किसान का बेटा शहर को क्या करने जाऊंगा, सुख-दुख सब सहकर मैं जननी जन्मभूमि की सेवा में जीवन अपना लगाऊंगाl मैं हूँ एक किसान…ll सुने हैं चर्चें मैंने भी शहरों के, करते हैं नौकरी मर-मर के चाहे हो त्योहार या बीमार, छोड़ के अपना घर-परिवार दिवस रोज […]

गरीब की आंखें पथराई-सी, देख रही है झोपड़ी में न खाने के लिए आटा, न पहनने को कपड़ा न मां की दवाई, न बहन का रिश्ता न भाई की पढ़ाई, और फटी-सी साड़ी में जीवनसंगिनीl खिलौने न होने पर बिलखते बच्चे, इतना देखा ही था के इन आंखों से बहने […]

वरेण्य मातृभूमि की प्रचंड पुण्यभूमि की अखंड साधना करें। कश्मीर में प्रभुत्व शान्ति सौम्यता के भाव हों ये भावना करें॥ हिन्दुत्व का प्रभाव हो,प्रचार हो प्रसार हो न कि दुष्प्रचार हो। कश्मीर है अभिन्न अंग देश का समग्रता से मन में ये विचार हो॥ माँ भारती के ताज में न […]

गुंडों का शहर देख रहे हैं, मज़लूमों पे कहर देख रहे हैं। आतंक का साया पसरा हुआ, बाबागिरी का असर देख रहे हैं। दहशत में है इंसान यहां, आगजनी की खबर देख रहे हैं। संत अब संत नहीं बहुत, बुरी है बहुत नजर देख रहे हैं। खौफ से सहमा हुआ […]

पलभर की खुशियों से यहां क्यों मुस्कराना, पग-पग की कठिनाई को देख क्यों घबराना। बदलते रहते क्षण कहते हैं इसी को जिंदगी, चलें साहस से सदा मिले खुशियों का तराना। मंजिल दूर नहीं हौंसले ही कमजोर होते हैं, साहस से चलें,खुली राहें चहुं ओर होती हैं। देख कठिन राहों को […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।