जन्म से लेकर युवा होने तक, पालना होती बच्चों कीl खुद गीले में,बच्चे सूखे, माँ सुलाती बच्चों कीl छींक भी आए दुलारे को, माँ घबराती बच्चों कीl उसके बच्चे खुशहाल रहें, माँ दुआएं करती बच्चों कीl पर जब बच्चे बड़े हो जाते हैं, पैरों पर अपने खड़े हो जाते हैं… […]

दिल परेशां है आँख आज हुई नम, भूली कोई दास्ताँ याद आ  ही गई। चैन मेरा  कहीं आज खो सा गया, बीती बातों से बेचैन ये दिल हुआ। सुकूँ  के दो पल अब दिल  चाहता, कोई मिलता है नहीं अपनी तरह। बीच बाजार में अब लगे तन्हाई-सी, कैसी ये ख़ामोशी […]

आदरणीय मोदी जी!,आप जिस तरह झूम-झूमकर मंत्रमुग्ध कर देने वाला भाषण हिन्दी में देते हैं,क्या उसी तरह का प्रभावशाली भाषण अंग्रेजी में भी दे सकते हैं ? आप जिस तरह अपने को हिन्दी में अभिव्यक्त कर लेते हैं,क्या उसी तरह अंग्रेजी में भी कर सकते हैं ? नहीं न ? […]

वह रोज जी उठता है,पुनर्नवा की तरह। जी उठना उसकी विवशता है, क्योंकि सहज मिल जाती है, हवा,बारिश,धूप और पानी भी कभी-कभी। फिर वह पनपता,फुनगता और बढ़ता ही चला जाता है। पर इतना भी सहज नहीं है बढ़ना! इस बीच कई बार पददलित होता, रौंदा जाता हजारों बार,पांवों तले, फिर […]

चंचल चितवन,खींच रही मन,कैसा चमत्कार है। स्वर्ग अप्सरा से भी बढ़कर,तेरा ये दीदार है॥ घूंघट के भीतर से नैना,सीप मोतियों जैसे। आधा घूंघट मुख के ऊपर,चाँद अमावस तैसे॥ बदली से छुप-छुप के रोशनी,निकले और छुप जाए, होंठ गुलाबी लगे संतरा,जो देखे रह जाए। दुग्ध नहाई कोई चाँदनी,ऐसा तेरा निखार है॥ […]

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जला लो घृत सहित दीपक, नमन भारत को करना है। मिलाकर धूप में नैवेद, हवन भारत को करना है।      समय है अब भी कर डालो,      नहीं तो बाद न होगा।     उठा लो सींक की झाड़ू, स्वच्छ भारत को करना है॥         […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।