देश के एक राज्य में परिवारवादी दल को चुनाव के समय अपनी कुर्सी कैसे बचे,इसकी चिन्ता हुईl पहले परिवारिक बरतन यात्रा निकाली,परिणाम `ढाक के तीन पात`। आवाजें रात-दिन ठन-ठन-ठन। मन-मस्तिष्क पर बल पड़े। एकान्त में मिले,पटकथा लिखी। अगले दिन नाटक मंचित हुआ। एक ने एक समुदाय,दूसरे ने एक समूह को […]

सदियों से चंद बूंदें आँसूओं की, पलकों पर आकर थमी हैं… जाने-अनजाने किस्से कितने, पैबस्त हैं उनमें। सुलगती रातों में, विरह के मारों की… झुलसती रुहों के घुटे-घुटे से नगमे, कितने जज्ब हैं। पूस की सिहरन, जेठ दुपहरी बनती… बसंत फागुन बनते, सावन भादो सूखे। जिस्म पथ बन उजड़ गए, […]

की थी कृपा निधान, कृपा पहले जैसी आपने। वैसे ही कृपा निधान, कृपा अपनी कीजिए। सिन्धु की लघु बून्द को, यूं ही तप्त रेत पर। सैकत शैवाल संग, सूखने न दीजिए। कर्म-अकर्म विकर्म-सुकर्म, जो भी किया सठ सेवक। उसमें परिहर त्रुटि संज्ञान लीजिए। मधुर मनोहर है जगत धरोहर किंचित निज […]

भीड़ खड़ी है जमाने भर की, फिर भी अकेला हूँl कुछ भी अच्छा नहीं लगता, मैं दुनिया से जुदा हूँ। हंसना मानो भूल ही गया, हुआ भीतर तक झकझोरl तन्हाई के मौसम में बेखबर हुआ, भाव-भावना भावविभोर। चाँद की चांदनी मेरे तन्हा दिल को, सता जाती हैl ये पगली पवन […]

मानव क्यों व्याकुल है तू क्यों व्यथित-सा फिरता है, तू तो खुद नारायण है तेरे भीतर भगवान बसता है। राम नाम का जाप करता क्यों मन्दिर,घाटों में भटक रहा, मृगतृष्णा के जाल में फँसकर क्यों भ्रम में तू सिमट रहा। अपने अन्तर्मन् के मन्दिर में ज्ञान का दीप जला ले, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।