देख लिया जग सारा तुमने चलो लौट चलें अब गांव की ओर सदियों से ढोते अपमान ,गंदगी दरिद्रता ,अत्याचार, लाचारी बड़ी-बड़ी अट्टालिकायों के पीछे छिपे उस दोगले इंसानों को मतलबी, मौकापरस्त, स्वेच्छाचारी उस चमकते किंतु सिसकते महानगरों से जहां गरीबी सबसे बड़ी गाली है जहां पैसा ही भगवान है दूर […]

हर देश की प्रगति में श्रमिकों का बड़ा हाथ होता है। देश की रीड भी मजदूर होता है। बिना मजदूरों के कोई भी कुछ कर नहीं सकता है। इसलिए तो इन्हें मिलो का भगवान कहा जाता है। और बिना मजदूरों के कोई उद्योगपति बन नहीं सकता।। मजदूर की मेहनत से […]

कब तक दिखावा करूँ अपने मुस्कुराने का नहीं होता अब…… भर आती है आँखे छलक जाते है आँसू मंदी की मार ,कभी पिता कभी माँ बीमार कब तक दिखावा करूँ……. रोज टूटता हूँ रोज बिखरता हूँ नहीं देख पाता लाशों के ढेर कब तक दिखावा करूँ………. बच्चों की पढ़ाई का […]

शांतचित रहना सीखो क्रोध को भगाना सीखो बीमारी पास न आएगी किस्मत अच्छी हो जायेगी शांति मे ही तो आनन्द है इसी से मिलता परमानन्द है प्रभु मे ध्यान लगाकर देखो प्रभु को अपना बनाकर देखो जीवन खुद संवर जायेगा परमात्म बोध हो जायेगा इस सत्य को अपनाकर देखो प्रभु […]

इंदौर। कहते हैं व्हाट्सअप और फ़ेसबुक केवल मनोरंजन का साधन हैं पर यहीं वर्तमान दौर में आए आपदा काल में महज़ कुछ ही कवि साथियों ने मिलकर देशभर में एक हज़ार से अधिक मरीज़ों के सहायक बनते हुए उनकी जान बचाई। मातृभाषा उन्नयन संस्थान एवं जैन कवि संगम समूह से जुड़े […]

किये है जो कर्म हमने,उन्हीं का फल पा रहे हैं, बोए है जो पेड़ हमने,उन्हीं के फल खा रहे है। चला आ रहा है यह नियम सृष्टि का सदियों से, उसी को सब लोग संसार में निभाते जा रहे है।। आवागमन का नियम सृष्टि का चला आ रहा है, जो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।